सोने जा रहा था ... अब नींद उड़ चुकी है!
थोड़ा ज्यादा ही "नीलकंठ" बनने लगा हूँ| पर अगर ज़रा सा विष नहीं उगला तो आप सभी को लगेगा की विष होता ही नहीं है|
अतः विषपान का आनंद लें और मेरी आगे की ट्वीट @Hiranyareta जी की ट्वीट के साथ मिला के पढ़ें| https://twitter.com/Hiranyareta/status/995385747833225217
"मोदी जी काशी की धरोहर नष्ट करने पर तुले हैं" , पिछले कुछ दिनों से यह सुनियोजित प्रचार प्रारंभ हुआ है| बहुत से मित्रों ने सत्य पूछा,मैंने कहा छोड़ो, अनर्गल बातों से नकारात्मकता आती है|
पर अब देख रहा हूँ की भगवा चोला,बुद्धिजीवी का लबादा, पत्रकारिता का मुखौटा ओढ़ कुछ लोग 1/n
...कुचक्रों में दिन रात पूरे समर्पण के साथ लगे हैं|
समय आ चुका है की जो इच्छा रखते हैं उनसे सत्य का परिचय कराया जाए| तो यदि आप इस "सत्य" को जानना चाहते हैं तो ध्यान से आगे पढ़ें|
अगर मैं गलत हूँ तो बताएँ, खुद को सुधारने में मैं समय नहीं लूँगा ! 2/2
इस तस्वीर में आपको क्या दिख रहा है ??
दीवाल से घिरा हुआ, एक मंदिर? जिसको घेर कर कब धाराशायी कर के गेस्ट हाउस में तब्दील कर देंगे पता ही नहीं चलेगा|
ये किसने किया ?? मोदी जी ने ??
किसी ने भी ऐसे सैकड़ों निर्माणों का विरोध किया ??
और साफ़ देखिये, ध्यान से!!
कहाँ है मंदिर ?? क्या इस प्राचीन मंदिर के चारों और उसक सौन्दर्य को कोढ़ सी दीवार भी मंदिर के साथ ही बनी थी??
उत्तर आप सभी जानते हैं - नहीं !!
ये कौन लोग है जो इन प्राचीन मंदिरों का विनाश कर रहे हैं ???
इस तस्वीर को भी देखिये ध्यान से, कैसे मंदिर के भीतर से ही ईंटे जोड़ के उसको नष्ट कर दिया| जब ये सब हुआ तो कोई आवाज़ उठी??
क्या इस चित्र को देख कर क्रोध, बेबसी और इस कृत्य को करने वालों से घृणा नहीं हो रही ???
ये मोदी जी ने किया ???
इसे भी देखिये, देखिये की लालच कैसे धरोहरों को लील रहा है| कोई सीमा नहीं है लोभ की|
कैसे मंदिर के गुम्बद को समाप्त कर धीरे धीरे कमरे में तब्दील किया जा रहा है!!

कभी सुना इसका विरोध?? क्या ये विनाश मोदी जी ने किया???
आज जग कर लिख रहा हूँ तो चाहता हूँ की आप भी वो देखें जो मैंने देखा|
क्या प्राचीन मंदिरों के अगल बगल कुकुरमुत्ते सी उग आई इमारतें हमारी धरोहर हैं??
दिग्भ्रमित करने वाले मिथ्या संवादों व् तथाकथित आन्दोलनों से यह सत्य छुपेगा की पाप हो रहा था!! खुलेआम !!
प्राचीन मंदिरों को दीवारों में चिनवा देने वाले आज धरोहरों की रक्षा के आन्दोलन का स्वांग कर रहे हैं|
आप स्वयं देखिये, काशी में लालच का यह नंगा नाच हर कदम पर दिखेगा|पांडित्य का लबादा ओढ़े ठग श्लोकों में कुकृत्य छुपायेंगे|
पर सच सूर्य सा होता है , छुपता नहीं !!
स्वयं देखें आप! क्या कर दिया है मंदिरों का! ऐसा घृणित कृत्य करने वाले आज धरोहरों की रक्षा आन्दोलन के बैनर लिए जनता को बरगलाने चले हैं|
और पत्रकारिता को निकृष्टतम गहराइयों तक ले जा चुके पत्रकार आज उनके साथ कदम से कदम मिलाकर खड़े हैं !!
ध्यान से देखिये...
कैसे इस विग्रह को कमरे में लील कर ऊपर से सीढ़ी बना दी गयी थी।
इन्हें दीवारों में लोभवश चिनवा देने वाले किस प्रकार के लोग होंगे???
और भी देखिए ... इस भूख में कम से कम ये मंदिरों को तो छोड़ देते।
किराये पर उठाने के लिए अटैच्ड टॉयलेट वाले अनाधिकृत कमरे और मलजल गंगाजी में।
आज सब खड़े हैं धरोहर बचाने का लबादा ओढ़े!!!
इतनी सारी ट्वीट्स के बाद भी कुछ मित्र बौद्धिक दे रहे हैं। कह रहे हैं कि पूरा मंदिर तोड़ डाला , सौंदर्यीकरण के नाम पर!
ये प्रबुद्ध लोग निरंतर भ्रम फैला रहे हैं। तो मैं आप सभी के समक्ष कुछ तस्वीरें ग्राउंड ज़ीरो से प्रस्तुत करता हूँ।
धैर्य से खुला दिमाग रख के देखें।
ये तस्वीर बायीं तरफ से ली है जहाँ कुछ निर्माणों को ध्वस्त किया है।
क्या आपको बायीं तरफ एक छोटे से मंदिर का केसरिया रंग का शिखर दिख रहा है??
कुछ समय पहले तक यहाँ केवल कमरे ही कमरे थे।
अब ज़रा इसी तस्वीर को सामने तथा अन्य एंगलों से देखते हैं।
पुरातन मंदिरों को मुक्त करने का यह प्रयास किस कोने से हमारी धरोहर नष्ट करना लग रहा है ये मैं समझना चाहता हूँ ।
और कौन सनातनी हिन्दू होगा जो मंदिरों के अतिक्रमण व दीवारों में चिनवाने का समर्थन करेगा ??
इन ट्वीट्स के पीछे मेरा उद्देश्य है कि आप भी वो देखें जो मुझे दिखा।
क्या आपको मंदिरों की यह दशा अच्छी लग रही है???
अगर नही तो फिर षड्यंत्रकारियों के कुत्सित प्रयासों को नाकाम कीजिये।
आप सभी प्रबुद्ध हैं, संभव हो सके तो इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करें- इन तस्वीरों में आप क्या देख पा रहे हैं?
All of you are educated .. if possible ,try answering this question - What do you see in these pics? #Kashi
आग्रह है, इस वीडियो को पहले म्यूट कर के देखिए। उसके बाद जो बोला जा रहा है उसके साथ ।


हो सकता है की मैं गलत हूँ , ये वीडियो गलत हो, आप स्वयं काशी जा के देखें, क्या मंदिरों का अतिक्रमण उचित है??
आस्था क्या मात्र व्यवसाय है??
सभी प्रबुद्ध हैं ,स्वयं सोचें।
इस थ्रेड में और भी तस्वीरें जोड़ रहा हूँ, आप ही देखिये और चिंतन कीजिये !!

क्या मंदिरों की इस अवस्था से आप सहमत हैं??

अपने विचार अवश्य व्यक्त करें |

(चित्र अनिरुद्ध पाण्डेय जी की फेसबुक वाल से)
मेरे लिए बहुत ही दुःख की बात है की ये थ्रेड लम्बी होती जा रही है| लेकिन ये भी आवश्यक है की आप सब ये देखें !!
ये किसने किया?
क्या मंदिरों की ऐसी हालत होनी चाहिए?
और कोई अगर इनके जीर्णोद्धार की बात करे तो उसपर "धरोहर" नष्ट करने का लांछन लगे ???
हिंदी में लिख रहा हूं क्योंकि जो दिल में भाव है वह बहुत हद तक उसी रूप में पहुँचा पाता हूँ। थ्रेड को आगे बढ़ा रहा हूं क्योंकि आप में से बहुत सारे मित्र जानना चाहते थे कि हो क्या रहा है।
इस छोटी सी क्लिप में देखें एक बड़ा सा मंदिर जो भवन के अंदर था,अब दिखने लगा है।
जैसे जैसे काम आगे बढ़ रहा है वैसे वैसे भवनों के भीतर छुपे हुए मंदिर बाहर आ रहे हैं। यहाँ बात किसी के सही या गलत होने की नहीं है, आप स्वयं से पूछिए की आप मंदिरों को उन्मुक्त , खुला देखना चाहेंगे या चार दीवारों के भीतर कैद??
किस निर्दयता से इस मंदिर को घेरकर उसके ऊपर भवन निर्माण कर लिया था!!मंदिर व गंगा जी धैर्य से मानवीय संवेदनहीनता को देखते रहे।
और आज जब एक प्रयास हो रहा है इन सांस्कृतिक धरोहरों का ना केवल रक्षण किया जाए बल्कि आने वाले भविष्य के लिए भी उन्हें सजाया व सँवारा जाए तो विरोध हो रहा है??
अनेकों महानुभाव दिन रात प्रचार करने में लगे हैं कि मोदी मंदिर तुड़वा रहे हैं। इन प्रलापों की तथ्यहीनता को दिखाता हुआ यह क्लिप अवश्य देखें जहाँ चारों और तोड़फोड़ तो हो रही है किंतु मंदिरों को छुआ नहीं गया है क्योंकि इस तोड़फोड़ का उद्देश्य मंदिरों को सहेजना ही है।
बाबा विश्वनाथ के परिसर से माँ गंगा के दर्शन!!

जो काशी नहीं गए या जो हिंदी नहीं पढ़ सकते उनको इस वाक्य का न भाव समझ आएगा न ही अर्थ किंतु हर क्षण मोक्ष ही जी रहे हमारे जैसे तुच्छ प्राणियों को इस वाक्य में छिपी संभावनाओं के स्मरण या चिंतन से ही अनेकों स्वर्गों का सुख प्राप्त होगा!
इस स्तर की योजना जो कि पता नहीं कितने सौ सालों से किसी ने सोची भी नहीं और उसी से मिलता जुलता कार्य!!
आप ही बताइए क्या इस प्रकार का निर्णय लेना आसान कार्य था??
वह भी तब,जब अनेकों नर रूपी महासर्प कदम कदम पर मोदी जी को डसने के लिए फन उठाए बैठे हैं!!
लेकिन निर्णय लिया तो लिया!!
बहुत बड़ा काम है,करने वाले दुष्प्रचार से ही नहीं,हमारे कान के कच्चे होने की प्रवृत्ति से भी लड़ रहे हैं!
कोई भी ज़रा सी मेमने की खाल पहन कर आ के हमें हिन्दू धर्म के विनाश को दुहाई देता है तो हम मान लेते हैं क्योंकि तथ्य जानने में मेहनत लगती है।
ये कैद मंदिर भी प्रतीक्षा में हैं।
टि्वटर पर उपस्थित काशी के बहुत सारे धुरंधर धर्मरक्षक केदार घाट के रास्ते में स्थित इस दुकान से या तो सब्जी लेते हैं या रोज इस रास्ते से आते जाते हैं,और बड़ी ही निर्लज्जता के साथ दिन रात मोदी जी पर आक्षेप लगाते हैं कि वो धर्म का विनाश कर रहे हैं।
मंदिर की ये दशा उचित है?दिखी नहीं?
शायद आप पिछले कई दिनों से अखबारों में आप पढ़ रहे होंगे की वाराणसी में काशी विश्वनाथ जी जैसा एक और मंदिर मिला है।

"मंदिर मिला है"!!

कहाँ से?
गड़ा था?
किसी की जेब से गिर गया?
जमीन की खुदाई में प्राप्त हुआ?

आइये इस दुर्भाग्यपूर्ण थ्रेड को आगे बढ़ाते हैं.. क्लिप में वही मंदिर है!
इस भवन में शटर लगा कर दूध का कारोबार हो रहा था।भीतर के इस मंदिर को किस मशक्कत के साथ उसके वास्तविक रूप में ला रहे हैं इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं। कमरे बनाते बनाते नीचे की फर्श को ऊंचा करके मंदिर को लगभग गाड़ ही दिया था।
भवन हटा तो "मंदिर मिला"!!
यवनों व आक्रमणकारियों से मंदिरों की "रक्षा" करने के लिए उन्हें भवनों से घेर दिया - ये तर्क जिन्हें हज़म हो गया या हो रहा है उनको नमन , मैं तुच्छ सा प्राणी, इसे हज़म नही कर पा रहा। क्योंकि इन्हीं भवनों में फिर से यवनों और न जाने किनको किनको रहते देखा है।
मैं कोई तस्वीर खोज रहा था की आपको दिखा पाऊं की पहले हालात कैसे थे,भवनों में समाये ये मंदिर कैसे लगते थे पर मिल नहीं रहे थी| फिर "स्नेह-बाय बाय मोदी,जय हिन्द की सेना" की ये ट्वीट दिखी|
इस ट्वीट में ये दिखाने की कोशिश है की मंदिरों को तोड़ा जा रहा है| https://twitter.com/snehh_pandit/status/1047376523316154368
पिछली ट्वीट में जो कोलाज है उसमें वो मंदिर आज कैसे है वो भी देख लीजिये| इसका विडियो इसी थ्रेड में डाल चुका हूँ|
पिछली ट्वीट की फोटो और इस फोटो की तुलना करेंगे तो समझ पायेंगे की दीवारों में चिनवा दिए गए मंदिर को उसके वास्तविक स्वरूप में लाने का प्रयास किया जा रहा है!!
आपके मन में ये भी आ रहा होगा की अगर मोदी जी पर आक्षेप लग रहे थे तो क्या यह सुनियोजित था???
तो उत्तर यह है - हाँ , बहुत ही अच्छे से योजना बना के किया गया था!! इसके तार गुजरात , मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ से जुड़े हैं|
आप #SaveKashi हैश टैग पर ट्वीट करते सूरमाओं के प्रोफाइल पढ़ें!
14 जुलाई को यह विडियो कांग्रेस के आधिकारिक वेरीफाईड हैंडल से पोस्ट किया गया!
यही वो समय था जब इनके घृणित मंसूबों पर ध्यान गया| और यह विडियो पोस्ट होते ही फिर तो मानो सिग्नल मिल गया बाकियों को| एक बाढ़ सी आ गयी #SaveKashi ट्वीटो की!
कुछ ऐसी ही ट्वीटो को इस थ्रेड में जोड़ता हूँ! https://twitter.com/IYC/status/1018129892028928002
प्राचीन मंदिरों व देव विग्रहों के प्रति चिंतित खुर्शीद अहमद जी भी मैदान में आ गए थी उस समय!
बड़ी प्रसन्नता हुई हमें! पूरा विश्वास है की खुर्शीद जी प्रत्येक मंदिर के पुनरुत्थान में अपना इसी प्रकार सहयोग देकर मोदी जी के प्रयासों में हर संभव प्रयास करेंगे, न्यू जर्सी से! https://twitter.com/KhursheedAhmedA/status/1018693032424730629
वड़ोदरा के निवासी अब्दुल कादिर जी भी काशी के मंदिरों व् काशी की पहचान के लिए चिंतित हो गए!!
अच्छा लगा, ये भी निश्चय ही इस थ्रेड में काशी के मंदिरों को अतिक्रमण से बचाने के मोदी जी के प्रयासों को देख प्रसन्न होंगे! https://twitter.com/AbdulKadirNSUI/status/1018412902703878146
काँग्रेस और काँग्रेस पोषित कुछ भगवा धारियों ने "धर्म संसद", पदयात्रा , धर्माग्रह तथा फिर अपनी दत्तक पार्टियों को व उनसे उपजे रक्तबीजों को भी इस दुष्प्रचार अभियान में लगा कर पूरा प्रयास किया की काशी में माहौल खराब हो और "काशी का नाश कर रहे हैं मोदी" के नाम पर मध्यप्रदेश, राजस्थान
..छत्तीसगढ़ इत्यादि चुनावों में भी जनता को मोदी जी व भाजपा के खिलाफ उकसाने का प्रयास करें।
इनकी बातों में अनेकों शुभचिंतक भी आ गए।मैदान काशी का था और खेल चल रहा था कुछ राज्यों में।
लेकिन हर बीतते दिन के साथ स्पष्ट दिखने लगा है की यह कार्य सदियों पहले होना चाहिए था अब हो रहा है।
अब देखिए कि इस कार्य से क्या मिला है!!
पुरानी किताबों में , धर्मग्रंथों में काशी के वैभव का उल्लेख है, श्मशान में अलौकिक सौंदर्य की बातें हैं , जहाँ स्वयं बाबा विश्वनाथ बसतें हैं वहाँ का वैभव अद्भुत ही होगा।
तो इन तस्वीरों में देखिए बचा लिए गए अतीत की एक झलक और आनंद लीजिये!
जैसे जैसे यह कार्य आगे बढ़ रहा है, सनातन संस्कृति के गौरवशाली अतीत के प्रमाण प्रत्यक्ष उपस्थित हो रहे हैं।
और लिख के ले लें ये कार्य मोदी जी को छोड़ किसी के लिए संभव न था। विषपान तो करना ही है साथ ही साथ निर्णय पर भी अडिग रहना है ताकि यह कार्य निर्बाध चले।
कंक्रीट,काई,कालिख और अतिक्रमण में दब चुका यह अतीत अब सबके सामने आ रहा है,इसे देख कर भविष्य की उस काशी का आभास होता है जिसे देख कर बरबस ही श्रद्धा आस्था व धर्म के प्रति पूरा विश्व नतमस्तक होगा।
इस पावन कार्य में लगे एक एक व्यक्ति को नमन !!
आप में से बहुत से मित्र चाहेंगे की इस विषय में विस्तार से देखें व समझें , तो इसके लिए दो वीडियो पोस्ट कर रहा हूँ।
स्वयं तो आप इन्हें देखें ही, अधिक से अधिक लोगों को इस विषय में बतायें।
यह वीडियो चल रहे कार्य के विषय में है।
यह रहा एक और वीडियो यह उन मंदिरों के विषय में है जो इस कार्य के दौरान सामने आए हैं। इसको अच्छे से देखें ना समझ आए तो बार-बार देखें।
देखने के बाद खुलकर अपने विचार भी अवश्य रखिए क्योंकि यदि आप कुछ नहीं कहेंगे तो झूठ और दुष्प्रचार करने वाले सशक्त होंगे।
08 July 2015 की यह ट्वीट!दशाश्वमेध घाट पर झर झर बहता ये नाला!
बरसों से बहता यह नाला लैंडस्केप का एक अभिन्न अंग बन चुका था!काशी के अनगिनत नालियों का मल जल इसमें मिलकर यहाँ स्नान करने वालों को स्वर्ग की अनुभूति देता था!
न इसपर कोई अनशन होता न ही कोई विरोध!फिर २०१४ में मोदी जी आये https://twitter.com/shaileshkpandey/status/618697643930226688
मोदी जी के आने से क्या फर्क पड़ा यह इस नाले की परसों की दशा दिखाती क्लिप में आप अच्छे से देख पाएंगे।ये नाला रोका हुआ दिख रहा है।
इतने सालों से नाला बहता रहा,सब ऊपर बैठकर गंगा आरती की फोटो खींचते रहे,पता नहीं कितने आयोजन होते रहे पर किसी और को यह दिमाग में नहीं आया कैसे रोका जाए!!
क्या यह सोचना भी अधर्म , परम्पराओं का विनाश है की काशी विश्वनाथ का वैभव भी इसी प्रकार का हो जैसे इस क्लिप में है??
प्रायोजित दुष्प्रचार नही थमेगा , और इसमें लिप्त होने वालों का काम आसान है क्योंकि वे कुछ भी डाल देंगे।
सत्य को सामने लाने वालों का काम दुरूह है क्योंकि उन्हें हर बात की गहराई में जाकर देखना होता है।
पिछले कुछ दिन पहले शिवलिंगों के नष्ट किये जाने को लेकर एक क्लिप चल रही है 1/2
तो उसपर प्रकाश डालती यह न्यूज़ भी देख लें -

Check out @livevns’s Tweet: https://twitter.com/livevns/status/1075717412350095360?s=09
काशी को लेकर फैलाया जा रहा एक झूठ और बेनकाब हुआ। पर यह भी निश्चित है की यह आखिरी झूठ नहीं है , ये कुचक्र जारी रहेंगे। तब तक जब तक जनता स्वयं परिपक्व न हो जाए। https://livevns.in/2018/12/21/shivlings-are-dump-from-madanpura-to-rohit-nagar-varanasi-say-varanasi-ssp/amp/?__twitter_impression=true
माननीय संजय जी के आशीर्वाद से ये थ्रेड लंबी होती जा रही है!
जिस विडियो बनाने वाले को ये दायित्व दिया था उस बेचारे को भगवान श्री राम व भगवान श्री कृष्ण की मूर्तियों में कोई अंतर नहीं दिखता!
वो भी क्या करता/करती बेचारी/बेचारा, उनके आकाओं को भी तो तोड़ने और बनाने में अंतर नहीं दिखता https://twitter.com/SanjayAzadSln/status/1085538363199946753
ये जो मंदिर तोड़ने वाले नैरेटिव का ठेका जिन्होंने लिया है वो काम कैसे करते हैं इसको मैं कुछ तस्वीरों के माध्यम से समझाता हूँ, ध्यान से देखिए।
टूटे फूटे पत्थर भी दिख रहे हैं। अगर आपसे सौ लोग बार बार कहेंगे कि देखो कैसे मूर्ति के टुकड़े टुकड़े कर रहा है , तो शक तो होगा??
या फिर ये तस्वीर देखिए।नैरेटिव के ठेकेदार कहेंगे कि कैसे भगवान की मूर्तियों को अपमानित कर रहा है,पैर से।
कुछ संत तो शायद जा कर जमीन पर लिटायी इस मूर्ति को माला वगैरह पहना कर पूजा भी कर आएंगे। और चारों ओर मोदी राज योगी राज का सियापा भी फैला देंगे!!
ये ठेकेदार कुछ कर्मियों को इसपर भी लगा देंगे कि इस तस्वीर को भी सोशल मीडिया पर चलाओ(क्योंकि यहाँ केवल बैल और गदहे हैं , अपने दिमाग से नहीं सोचते) और लोगों को बताओ कि योगी मोदी धरोहर नष्ट कर रहे हैं।
ये रही पूरी तस्वीर,ये आप जब मोहनसराय से कैंट की ओर जाते हैं तो चाँदमारी के पास बायीं तरफ अनेकों ऐसे परिवार मूर्तियाँ बनाते दिख जायेंगे।
इनके मलबे का कई दुष्ट कुप्रचार में प्रयोग कर रहे हैं। यह कह कर की मूर्तियों को तोड़ कर फेंक दिया जा रहा है।
इस क्लिप में आप असंभव को संभव होने की दिशा में बढ़ता देखिये| बाबा विश्वनाथ और गंगा मैया के बीच में निकट भविष्य में भव्य व मनमोहक मार्ग होगा , संकरी गालियाँ नहीं !!
इतना बड़ा फैसला लेने के लिए जो साहस चाहिए वो सबके लिए संभव नहीं ! @VishalS311 @ShriVishwanath
ये मंदिर ही नहीं निकल के आ रहे,सामने आ रहा है गौरवशाली अतीत, काशी का वास्तविक स्वरूप !!
साधुवाद इस कार्य में लगे एक एक व्यक्ति को!
इस कार्य की महिमा व महत्ता को जान आने वाली पीढ़ियाँ आपको नमन करेंगी !
इस थ्रेड को आगे बढ़ाते आज प्रसन्नता हो रही है। एक अपूर्व संतुष्टि का भाव है।
क्योंकि @narendramodi जी ने यह कार्य लिया है इसलिए पूरा भरोसा है की अपने जीवन काल में ही इसे पूर्ण हुआ भी देखूँगा।
#VishwanathDham के रूप में #TheKashiModel और भी नए अध्यायों की रचना करेगा।
भाग 1- भविष्य में आप काशी आएँगे तो #Vishwanathdham का कार्य पूर्ण हो जाने पर उसे कुछ ऐसा पाएँगे। इस क्लिप को देख कर ही इतनी सुखद अनुभूति हो रही है तो वास्तव में कैसा अनुभव होगा इसका अनुमान आप लगा सकते हैं।
स्वयं तो इसे देखें ही, औरों तक भी पहुँचायें।
हर हर महादेव!
#TheKashiModel
भाग 2- बाबा #Vishwanathdham पर हो रहे कार्य में लगे लोगों का समर्पण भी अनुकरणीय है। @ShriVishwanath वहाँ का आधिकारिक हैंडल है। इसे फॉलो करें व इस प्रयास से जुड़ें।
शेष क्लिप को देख कर आप स्वर्णिम भविष्य की एक झलक पाएँ।

औरों तक भी पहुँचायें।
हर हर महादेव!
#TheKashiModel
भाग 3 - कुछ मित्रों के मन में यह भी आ रहा होगा की यह कार्य कितना विराट है?परिप्रेक्ष्य क्या है।
Posting this clip for those who like seeing the bigger picture .. Clip courtesy @ShriVishwanath team!!
इसे देखें आप समझेंगे की असम्भव क्या होता है।
#Vishwanathdham #TheKashiModel
भाग 4 - अब तक क्या कार्य हो चुका है इसका भी कुतूहल आपके मन में हो सकता है। उसी जिज्ञासा को शांत करती इस क्लिप को देखें। जिसे @ShriVishwanath team ने आपके लिए प्रस्तुत किया है!
धरातल पर ठोस कार्य!
साधुवाद @narendramodi
जी #Vishwanathdham #TheKashiModel
भाग 5-अब तक मंदिरों में आने वालों को"भीड़" करके देखा जाता था,और भीड़ के लिए सुविधा नहीं प्रबंधन की सोच रहती है।
आज @narendramodi जी व @myogiadityanath जी लोगों को भीड़ नहीं श्रद्धालुओं के रूप में देखते हैं अतः ये सुविधाएं आ रहीं हैं @ShriVishwanath
#Vishwanathdham #TheKashiModel
चुनाव का समय है , बहुत से ऐसे जिनको कोई मतलब नहीं है #Kashi से ,यहाँ के जीवन से , यहाँ की परम्पराओं से, वो आ जुटेंगे कुछ दिनों के लिए और कुछ स्थानीय षड्यंत्रकारियों के साथ मिल कुप्रचार की चेष्टा करेंगे, इसीलिए ये थ्रेड आगे बढ़ा रहा हूँ पुराने दिन याद दिलाने के लिए! #TheKashiModel
काशी में जो परिवर्तन आ रहा है वो वहाँ जाने वाले खूब समझ रहे हैं और रहने वाले भी।
दर्शनों के लिए सँकरी गलियों में घंटों खड़े रहने का अनुभव और "भीड़" के साथ किये जाने वाले बर्ताव की हमें आदत पड़ चुकी थी।
अब स्थिति दूसरी है, इसकी भी आदत डाली जाए!!
#TheKashiModel

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