1/8 Copied "बंगाल का क्लब कल्चर" बंगाल में लगभग हर मुहल्ले में एक क्लब है जिसमे 20-25 बेरोजगार युवाओं का ग्रुप बनाया गया है इन्हें TMC से 3000 ₹ महीने मिलता है। जिससे उस क्लब में कैरम, लूडो, ताश, और अन्य खेलों के जरिये जुआ का अड्डा बनाया गया है|
2/8 जिससे और भी लोग खेलो के बहाने जुड़ जाते है वहाँ लॉटरी भी बेची जाती है। कल्चरल कार्य के नाम पर हर वर्ष 50000 ₹ हर क्लब को दिया जाता है सरकार की तरफ से, ये 20-25 लड़के 200-300 घरो पर नज़र रखते है, हर लड़का कम से कम 12 घरो पर नज़र रखता है|
3/8 वो कम से कम 4 घरो के चबूतरों पर TMC का झंडा लगवा देता है और अपने एरिया में देखता है कि कोई दूसरी पार्टी के लिए काम तो नही कर रहा अगर ऐसा उसे लगता है तो वो उसे धमकी देता है और उसके घर के लोगो को सरकारी योजनाओं से वंचित करवाया जाता है|
4/8 साथ ही उन्हें तरह तरह से परेशान भी करते है। मुहल्ले में कोई भी निर्माण होता है तो कट मनी ली जाती है पैसे वालो को चिन्हित करके उनसे कुछ पैसे महीने का तय किया जाता है। ये लोग पार्टी के लिए गुंडागर्दी , वसूली करते है। इनकी मदद TMC के लोकल नेता, स्थानीय पुलिस भी करती है।
5/8 ये लोग TMC के मेम्बर बनाते है और हर वर्ष सदस्यता शुल्क वसूलते हैं। लगभग हर दुकानदार को भी शुल्क देना होता है कट मनी का पूरा सिंडिकेट है जिसे ममता का भतीजा सम्हालता है सैकड़ो करोड़ो की उगाही होती है और उसमें से ही इन क्लबो में बैठे गुंडो को सुविधाएं दी जाती है।
6/8 वोटिंग के समय ये लोग घर घर से लोगों को ले जाकर TMC के लिए वोटिंग करवाते है, जो ज्यादा विरोध करता है उसे मारते है और कई लोगो की तो हत्या भी कर देते है। ये सब तभी बन्द होगा जब वहाँ की पुलिस TMC के लिए काम न करे इसके लिए वहां राष्ट्रपति शासन जरूरी है |
7/8 जो कम से कम 2 वर्ष का हो तब जाकर सिंडिकेट टूटेगा। क्लबो में बैठे गुंडो पर मुकदमे हो इन्हें सज़ा मिले तब हालात सुधरेगा। सवाल ये उठता है कि राष्ट्रपति शासन कैसे लगाया जाय , तो उसका भी उपाय है ... केंद्र को सुप्रीम कोर्ट के जरिये समिति बनवानी चाहिए जो बंगाल में जाकर रहे |
8/8 और वहाँ की हिंसा पर रिपोर्ट बनाये। हर एक हिंसा को बीजेपी अपने 77 विधायको, 18 सांसदों, सैकड़ों पार्टी पदाधिकारियों और लगभग सभी विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उठाये और हर हिंसा पर केस दर्ज कराए।