माँ 

माँ की क्या परिभाषा दू
वो खुद में संपूर्ण भाषा है।
प्रभु भी जिसकी भक्ति करे
वो " माँ " स्वयं में भगवान हैं।
उनकी मुस्कराहटो से सुबह होती
उनकी लौरीयों से हमारी रात।
वो तो बिन बोले जान लेतीं
हमारे हर जज़्बात।
#Thread


माँ की क्या परिभाषा दू
वो खुद में संपूर्ण भाषा है।
प्रभु भी जिसकी भक्ति करे
वो " माँ " स्वयं में भगवान हैं।
उनकी मुस्कराहटो से सुबह होती
उनकी लौरीयों से हमारी रात।
वो तो बिन बोले जान लेतीं
हमारे हर जज़्बात।
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निश्चल निष्कपट प्रेम माँ का
कौन भला हमें कर सकता हैं।
उसकी अथाह ममता को
कौन भला माप सकता है।
वो दुनिया में लाई हमे
साँसो पर उनका ही तो कर्ज है।
उन्हें सारी खुशियाँ देना
हमारा पहला फर्ज है।
कौन भला हमें कर सकता हैं।
उसकी अथाह ममता को
कौन भला माप सकता है।
वो दुनिया में लाई हमे
साँसो पर उनका ही तो कर्ज है।
उन्हें सारी खुशियाँ देना
हमारा पहला फर्ज है।
वो ही ताकत वो ही हिम्मत
ना हारना उनसे ही सीखा है।
उठो लडो़ आगे बढो़
ये जज्बा़ उन्हीं का दिया है।
क्या लिखू माँ
के लिए
ये शब्द भी मेरे कम पड़ते हैं।
हम उनकी ही तो परछाई हैं
उनके चरणों में सर ये रखते हैं।
By: Varsha Singh
ना हारना उनसे ही सीखा है।
उठो लडो़ आगे बढो़
ये जज्बा़ उन्हीं का दिया है।
क्या लिखू माँ

ये शब्द भी मेरे कम पड़ते हैं।
हम उनकी ही तो परछाई हैं
उनके चरणों में सर ये रखते हैं।
By: Varsha Singh