एक था न्यायालय। सबसे ऊँचा। ऐसा समझो कि उसके सामने बाकी सब नीचा था। उसमें न्यायाधीश थे - मु.न्या. , दू.न्या. और ती.न्या।
जब चाहे लेते संज्ञान,
और बघारा करते ज्ञान।
गुस्सा होकर बैठी देवी,
मिली नहीं थी उन्हें जलेबी।
तीनों ने एक बेंच बनाई।
और शुरू कर दी सुनवाई।
जब चाहे लेते संज्ञान,
और बघारा करते ज्ञान।
गुस्सा होकर बैठी देवी,
मिली नहीं थी उन्हें जलेबी।
तीनों ने एक बेंच बनाई।
और शुरू कर दी सुनवाई।
महत्त्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ़्रेन्स:
हम हम हुआँ हुआँ। हम हम हम। हम। मैं मैं मैं मैं। हुआँ हुआँ हुआँ हुआँ।
मुझे देखो
मेरा मुँह देखो
मेरी बात सुनो
एक और बात सुनो
मैं हूँ मैं
मैं
हम हम हुआँ हुआँ। हम हम हम। हम। मैं मैं मैं मैं। हुआँ हुआँ हुआँ हुआँ।
मुझे देखो
मेरा मुँह देखो
मेरी बात सुनो
एक और बात सुनो
मैं हूँ मैं
मैं
लाइव रिपोर्टिंग -
मुन्या - जलेबी की बढ़ती मांग को देखते हुए
हमने ने मामले का संज्ञान ले लिया है। जब लोग जलेबी की कमी से जूझ रहे हैं तो वे चुप नहीं बैठ सकते।
यह गंभीर विषय है इसलिए फ़ालतू की बात कोई नहीं करेगा।
मुन्या - जलेबी की बढ़ती मांग को देखते हुए
हमने ने मामले का संज्ञान ले लिया है। जब लोग जलेबी की कमी से जूझ रहे हैं तो वे चुप नहीं बैठ सकते।
यह गंभीर विषय है इसलिए फ़ालतू की बात कोई नहीं करेगा।
मुन्या- सारे देश में जलेबी की भारी कमी है, लोग मजबूर होकर प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख रहे हैं और उन्हें कोई जलेबी नहीं मिल रही है। आखिर कोई जिम्मेदारी लेना क्यों नहीं चाहता?
वकील: योर हॉनर
मुन्या- हॉनर मत बोलो यार!
वकील : ठीक है मीलार्ड।
दून्या:इत्ता लाड न करो मीलार्ड भी न बोलो।
वकील: योर हॉनर
मुन्या- हॉनर मत बोलो यार!
वकील : ठीक है मीलार्ड।
दून्या:इत्ता लाड न करो मीलार्ड भी न बोलो।
वकील-ठीक है। तो जज सा& #39;ब जलेबी बनाना प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी नहीं है यह हलवाइयों का विषय है।
मुन्या: विषय किसी का भी हो, लेकिन जलेबी की मांग तो है।
वकील: तो हलवाइयों को आदेश दीजिए जलेबियाँ बनाएँ।
मुन्या: तो जलेबी सिर्फ हलवाई ही बना सकते हैं? सरकारी कम्पनियाँ भी तो बना सकती हैं?
मुन्या: विषय किसी का भी हो, लेकिन जलेबी की मांग तो है।
वकील: तो हलवाइयों को आदेश दीजिए जलेबियाँ बनाएँ।
मुन्या: तो जलेबी सिर्फ हलवाई ही बना सकते हैं? सरकारी कम्पनियाँ भी तो बना सकती हैं?
वकील: सरकारी कम्पनियाँ जलेबियाँ नहीं बनातीं, बूंदी बनाती हैं।
मुन्या: तो क्या बूंदी जलेबी नहीं होती? हम आदेश देते हैं कि वकील पता कर के आएँ कि जलेबी की जगह बूँदी से काम चल सकता है क्या?
मुन्या: तो क्या बूंदी जलेबी नहीं होती? हम आदेश देते हैं कि वकील पता कर के आएँ कि जलेबी की जगह बूँदी से काम चल सकता है क्या?
वकील: लेकिन साहब वो तो जरूरत के हिसाब से तय होता है न। पंगत में बैठे होंगे तो बूँदी चाहिए और जहाँ जलेबी चाहिए वहाँ जलेबी ही चाहिए।
मुन्या: आप हमें ये मत बताईए कि किसको जलेबी चाहिए और किसको बूँदी। अगर जलेबी की जगह बूंदी का प्रयोग हो सकता है तो हम अभी फैसला सुनाते हैं।
मुन्या: आप हमें ये मत बताईए कि किसको जलेबी चाहिए और किसको बूँदी। अगर जलेबी की जगह बूंदी का प्रयोग हो सकता है तो हम अभी फैसला सुनाते हैं।
महत्त्वपूर्ण विज्ञापन -
किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। हमारे राज्य के पास जलेबी और चाशनी की पर्याप्त मात्रा में है। किसी को जलेबी की कमी नहीं होगी।
किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। हमारे राज्य के पास जलेबी और चाशनी की पर्याप्त मात्रा में है। किसी को जलेबी की कमी नहीं होगी।
दुन्या : मेरी टिप्पणी यह है कि माना यह हलवाइयों का विषय है, फिर भी जिम्मेदारी तो प्रधानमंत्री की है। प्रधानमंत्री को सबको जलेबी उपलब्ध करवानी चाहिए।
वकील: लेकिन मालिक जलेबी ऐसे ही थोड़ी बनती है। मांग थोड़ी कम करवा दीजिए। या फिर लोगों से कहिए सोच समझकर जलेबी खाएँ।
तीन्या: कितनी मांग है?
वकील: अभी तक तो एक एक दोने की मांग थी। लेकिन ये लोग दो दो दोने मांग रहे हैं।
तीन्या: कितनी मांग है?
वकील: अभी तक तो एक एक दोने की मांग थी। लेकिन ये लोग दो दो दोने मांग रहे हैं।
तीन्या- दोने में कितनी जलेबी होती है?
वकील: सौ ग्राम।
तीन्या: इतने में क्या होगा, कम से कम एक पाव तो डालो।
दून्या : क्या दोने की जगह गिलास में नहीं दे सकते?
वकील: मालिक जलेबी गिलास में कैसे देंगे? गुचुरमुचुर कर के?
वकील: सौ ग्राम।
तीन्या: इतने में क्या होगा, कम से कम एक पाव तो डालो।
दून्या : क्या दोने की जगह गिलास में नहीं दे सकते?
वकील: मालिक जलेबी गिलास में कैसे देंगे? गुचुरमुचुर कर के?
मुन्या: नहीं बस हमारे दिमाग में आया तो बता दिया। गिलास में चाशनी, चाशनी में जलेबी, जलेबी पे चाट मसाला।
वकील: जलेबी पर चाट मसाला नहीं डालते।
तीन्या: अच्छा। चटनी से काम चल जाएगा?
वकील: हाँ चल जाएगा, बस जलेबी को पहले चाशनी में न डाला जाए। ये नया तरीका होगा बनाने का।
वकील: जलेबी पर चाट मसाला नहीं डालते।
तीन्या: अच्छा। चटनी से काम चल जाएगा?
वकील: हाँ चल जाएगा, बस जलेबी को पहले चाशनी में न डाला जाए। ये नया तरीका होगा बनाने का।
नोट कर लो नहीं तो बाद में कहोगे वकील साब, आपने बताया नहीं।
मुन्या: हमारे मन में एक प्रश्न है। क्या यह जरूरी है कि जलेबी सिर्फ हलवाई बनाए? कोई और जलेबी क्यों नहीं बनाता। अगर प्रधानमंत्री सबको कढ़ाई दे दें तो घर घर में जलेबी का उत्पादन हो सकता है।
मुन्या: हमारे मन में एक प्रश्न है। क्या यह जरूरी है कि जलेबी सिर्फ हलवाई बनाए? कोई और जलेबी क्यों नहीं बनाता। अगर प्रधानमंत्री सबको कढ़ाई दे दें तो घर घर में जलेबी का उत्पादन हो सकता है।
वकील: लोगों को जलेबी का उत्पादन करना नहीं आता। उत्कृष्ट उत्पादन के लिए कुशलता चाहिए।
मुन्या- तो क्या हमारे स्कूलों में जलेबी बनाना नहीं सिखाया जाता?
वकील - नहीं।
मुन्या- एक कोर्स में भी नहीं।
वकील - नहीं।
मुन्या- तो क्या हमारे स्कूलों में जलेबी बनाना नहीं सिखाया जाता?
वकील - नहीं।
मुन्या- एक कोर्स में भी नहीं।
वकील - नहीं।
मुन्या - यह शर्म की बात है। हमारी शिक्षा व्यवस्था कहाँ जा रही है। आज लोगों को जलेबी बनाना भी नहीं सिखाया जाता। हम शिक्षा मंत्री को आदेश देंगे कि जलेबी निर्माण भी कोर्स में जोड़ा जाए।
एक चटोरा बोल-हमाई मम्मी ने सीखा था होम साइंस में।
मुन्या-अब होम साइंस वाले हमें सिखाएँगे?
चुप!
एक चटोरा बोल-हमाई मम्मी ने सीखा था होम साइंस में।
मुन्या-अब होम साइंस वाले हमें सिखाएँगे?
चुप!
दून्या: फिर तो प्रधानमंत्री को ही सबके घर पाव पाव भर जलेबी भेजनी चाहिए।
बीच में से एक चटोरा खड़ा हुआ - हम चाहते हैं कम से कम हमारा कोटा पाँच किलो करवा दो।
वकील: इतनी जलेबी का करोगे क्या?
चटोरा: हमको चाहिए बस। खाएँ या ब्लैक में बेचें।
बीच में से एक चटोरा खड़ा हुआ - हम चाहते हैं कम से कम हमारा कोटा पाँच किलो करवा दो।
वकील: इतनी जलेबी का करोगे क्या?
चटोरा: हमको चाहिए बस। खाएँ या ब्लैक में बेचें।
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मैं एक ट्रक जलेबी और एक रेलगाड़ी भर के चाशनी भेज रहा हूँ। सुबह तक तुम्हारी प्लेट में तुम्हारी खुद की जलेबी, खुद की कढ़ाही और खुद का झारा होगा मेरे दोस्त।
~ सोनू सूद
मैं एक ट्रक जलेबी और एक रेलगाड़ी भर के चाशनी भेज रहा हूँ। सुबह तक तुम्हारी प्लेट में तुम्हारी खुद की जलेबी, खुद की कढ़ाही और खुद का झारा होगा मेरे दोस्त।
~ सोनू सूद
मुन्या : प्रधानमंत्री सबके यहाँ पच्चीस किलो जलेबी पहुँचाओ। हमारा आदेश है ।
वकील: अरे इतनी जलेबी का ये लोग करेंगे क्या?
मुन्या : इन्होंने माँगा है तो दो।
वकील: अरे इतनी जलेबी का ये लोग करेंगे क्या?
मुन्या : इन्होंने माँगा है तो दो।
इतने में एक और चटोरा खड़ा हुआ - मालिक जलेबी की जुगाड़ करवा दी है तो समोसा की जुगाड़ भी करवा दो। तलब तो समोसों की भी उतनी ही है।
मुन्या - उसके लिए अलग से याचिका डालिये।
चटोरा - कुछ दिन पहले चुनाव में जब्त किए थे वही दिलवा दो।
मुन्या - उसके लिए अलग से याचिका डालिये।
चटोरा - कुछ दिन पहले चुनाव में जब्त किए थे वही दिलवा दो।
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मैं फिर आ गया जी। मेरी शक्ल देख लो।
हमारे यहाँ जलेबियों की भारी कमी है। बाहर के लोग आकर हमारे यहाँ जलेबी खा रहे हैं। प्रधानमंत्री हमें और जलेबियाँ उपलब्ध करवाए।
(पीछे छुपा हुआ विधायक दाँत दिखाता है)
मैं फिर आ गया जी। मेरी शक्ल देख लो।
हमारे यहाँ जलेबियों की भारी कमी है। बाहर के लोग आकर हमारे यहाँ जलेबी खा रहे हैं। प्रधानमंत्री हमें और जलेबियाँ उपलब्ध करवाए।
(पीछे छुपा हुआ विधायक दाँत दिखाता है)
वकील: मालिक हमने सबको पर्याप्त जलेबियाँ उपलब्ध करवाई हैं। लेकिन न जाने कहाँ जा रही हैं।( क्लोज़अप में इमरान की मुस्कान)
मुन्या- जब उनको कम लग रही हैं तो कम ही होंगी। एक काम करो पडोसी की थाली में से उठा कर दे दो।
फिर पडोसी क्या करेगा ?
& #39;उसको कड़ाही दे दो।& #39;
मुन्या- जब उनको कम लग रही हैं तो कम ही होंगी। एक काम करो पडोसी की थाली में से उठा कर दे दो।
फिर पडोसी क्या करेगा ?
& #39;उसको कड़ाही दे दो।& #39;
& #39;कैसी बातें करते हो मालिक। उसको भूख लगेगी तो कड़ाही थोड़ी चाशनी में डालकर खा जाएगा।& #39;
& #39;जलेबी जा कहाँ रही हैं?& #39;
तीन्या: अरे चटोरे सुना है आपने बड़ी थेथरई की है। एक काम नहीं होता आप लोग से।
दिन भर जलेबी समोसा रोते हो काम क्या करते हो?
चटोरा : खाने का काम करते हैं मालिक।
& #39;जलेबी जा कहाँ रही हैं?& #39;
तीन्या: अरे चटोरे सुना है आपने बड़ी थेथरई की है। एक काम नहीं होता आप लोग से।
दिन भर जलेबी समोसा रोते हो काम क्या करते हो?
चटोरा : खाने का काम करते हैं मालिक।
तीन्या: सच बताओ थाली में इतना रखते जा रहे हो इतनी भूख है भी?
चटोरा: हमारी भूख थोड़ी ज्यादा है। आधी जलेबियाँ खान चाचा खा जाते हैं और आधी इमरान भाई। बाकी का लंगर लग जाता है। फिर बाकी लोगों के लिए कुछ बचता ही नहीं।
लाइन पे आ जाओ नहीं तो सब चटोरापन निकाल देंगे।
चटोरा: हमारी भूख थोड़ी ज्यादा है। आधी जलेबियाँ खान चाचा खा जाते हैं और आधी इमरान भाई। बाकी का लंगर लग जाता है। फिर बाकी लोगों के लिए कुछ बचता ही नहीं।
लाइन पे आ जाओ नहीं तो सब चटोरापन निकाल देंगे।
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लो जी मैं फिर आ गया । मेरी शक्ल देख लो।
न्यायाधीशों के लिए पाँच सितारा होटल में जलेबियों की व्यवस्था।
पत्रकारों को जलेबी और समोसा उनके दफ्तर में ही मिलेगा।
लो जी मैं फिर आ गया । मेरी शक्ल देख लो।
न्यायाधीशों के लिए पाँच सितारा होटल में जलेबियों की व्यवस्था।
पत्रकारों को जलेबी और समोसा उनके दफ्तर में ही मिलेगा।
मुन्या-हम अब टास्कफोर्स बनायेंगे जो जलेबी बनाएगी भी और बांटेगी भी।
वकील- फिर मंत्री क्या करेंगे?
मुन्या - उनको हम एक ट्रक मटर और आलू भेजेंगे। फ्री हैं तो समोसों के लिए मटर आलू छीलेंगे।
मुन्या : तो फिर जलेबी का फैसला हो गया।
चटोरे - जय हो जय हो जय हो
वकील- फिर मंत्री क्या करेंगे?
मुन्या - उनको हम एक ट्रक मटर और आलू भेजेंगे। फ्री हैं तो समोसों के लिए मटर आलू छीलेंगे।
मुन्या : तो फिर जलेबी का फैसला हो गया।
चटोरे - जय हो जय हो जय हो