*रोहित सरदाना आतंकवादी से भी जादा खतरनाक था*

भारत के मोटी कमाई,बढी़या घर, सुखी परिवार सवर्ण लिबरलो को अच्छा दिखने कि भुख है.क्यु की इसने कुछ खोया नहीं.उदारता,धर्मनिरपेक्षता जैसे टाॕपीक इनके लिऐ ड्राइंगरूम मे बैठकर सिर्फ बात करने से जादा कुछ नहीं..
अच्छाई का मतलब बुराई का डटकर
सामना करना,उसके लिए अपना सबकुछ कुर्बान करने कि तयारी रखना और बडे से बडा खतरा उठाकर भी सच बोलते रहना.अच्छाई का मतलब यह होता है

#RohitSardana मरने पर कुछ मत कहो कहनेवाले लिबरल सवर्ण को इससे कुछ लेना देना नहीं.वे कभी बुराई खिलाफ जान कि बाजी लगाकर लढेंगे? उन्हे बस उदार अच्छा दिखनाहै
आतंकवादी 20-50-100 की जान लेगा.सबको पता होता है वह बुरा इन्सान है.

पर रोहित जैसे हरामी, करोडो मासुम लोगो को हर रोज टि.वी.पर घृणा सिखाते है.आतंकवादी बनने के लिऐ प्रोत्साहन देते है.नफरत कि बारूद ठूसठुस के भरते है.दंगे मे हजारो लोगो की जान जाने का यह कारण बनते है.असली खतरनाक कोन ?
यह जरूर पढ़ना..हिमांशु कुमार की पोस्ट
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