अभी चार दिन पहले पीएम मोदी ने 551 नए PSA ऑक्सीजन प्लांट बनवाने की घोषणा की है. इन प्लांट्स का पैसा PM Cares से दिया जाएगा. अच्छी पहल है.

लेकिन ऐसी ही एक घोषणा पिछले साल अक्टूबर में हुई थी. उसका क्या हुआ? आइये समझते हैं कि कैसे सरकारों हत्यारी लापरवाही बरती.

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14 मार्च 2020 को कोरोना को केंद्र सरकार ने 'डिजास्टर' घोषित कर दिया था. इसके आठ महीने के बाद 21 अक्टूबर को Central Medical Services Society ने टेंडर जारी किए.162 प्लांट लगने थे. इनमें से सबसे ज्यादा यूपी में 14 महाराष्ट्र में 10, एमपी में 8. UK और HP को 7. राजस्थान को 4.

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PM Cares से इसके लिए 201.58 करोड़ रूपए आवंटित किए गए.

18 अप्रैल 2020 को हेल्थ मिनिस्ट्री ने ट्वीट के जरिए बताया 162 में से 33 प्लांट अब तक इनस्टॉल हो चुके हैं.

एमपी-5
हिमाचल-4
Guj,Chnadigarh,UK-3
Bihar,karnataka-2
AP,CG,Delhi,UP,Haryana,Kerala,Maharashtra-1

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हालांकि इसमें यह नहीं बताया गया कि इसमें से काम कितने कर रहे हैं.

@scroll_in ने 14 राज्यों में प्रस्तावित प्लांट्स की पड़ताल ही. हालात चौंकाने वाले थे.

लखनऊ के SPM सिविल हॉस्पिटल में प्लांट लगना था. प्लांट इनस्टॉल हुआ लेकिन बंद पड़ा है.

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लखनऊ में O2 के लिए तरसते हुए लोगों की तस्वीर याद कीजिए. आपको सरकार की आपराधिक गलती नजर आने लगेगी.

मेरठ के LLRM मेडिकल कॉलेज में प्लांट के लिए जगह देने के बावजूद अब तक प्लांट नहीं लगा. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि Absstem नाम की कंपनी को प्लांट लगाने का ठेका मिला था.

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कई दफा फोन करने के बावजूद कोई जवाब नहीं.

16 अप्रैल को गुजरात के नवसारी में पांच मरीज O2 की कमी के चलते मर गए. यहां भी एक PSA प्लांट लगना था. मेरठ की तरह ठेका Absstem के पास था.

13 जनवरी को गाँधी नगर के GMERS मेडिकल कॉलेज की तरफ से Uttam Air Products को मेल भेजा गया.

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बताया गया कि प्लांट के लिए साईट तैयार है. लेकिन तब से कोई जवाब नहीं आया है.

कमाल की बात यह है को हेल्थ मिनिस्ट्री ने ब्लैक लिस्ट कर रखा है क्योंकि वो टेंडर लेने के बाद सिक्योरिटी नहीं जमा करवा पाई. हॉस्पिटल को अब पता नहीं है कि उनके यहां प्लांट कैसे लगेगा.

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मध्य प्रदेश तो गजब है ही. हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि वहां पहले से 5 प्लांट इनस्टॉल हो चुके हैं. लेकिन सरकार का कहना है कि वो ऑक्सीजन के लिए पूरी तरह से पड़ौसी राज्यों पर निर्भर है.
13 अप्रैल को राज्य सरकार की तरफ से 10 नए PSA प्लांट के लिए टेंडर निकाला जब हालात बेकाबू हो गए.
PSA प्लांट लगने में कम से कम एक महीने का वक़्त चाहिए. यह कदम छह महीने पहले सकते थे.
24 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह अपने संसदीय क्षेत्र गांधी नगर में एक PSA प्लांट का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जल्द ही 10 और प्लांट लगने वाले हैं. यह बयान मीडिया की सुर्खी बना.

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लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि पहले से आवंटित प्लांट भी जल्द काम करने लग जाएंगे. कायदे से इस पर सवाल होना चाहिए था कि अब तक क्यों नहीं कर रहे है?

लेकिन बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन? दिल्ली में 8 में से 1 प्लांट लगा सबको पता है. लेकिन यूपी में 14 में से 1 लगा ये कौन बताएगा?
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