#श्रृंखला

वर्तमान समय में जो तथाकथित ज्ञानियों द्वारा ये एक समाज में भ्रामक प्रचार हो रहा है कि रामचरितमानस के उत्तरकांड में कोरोना महामारी की व्याख्या है उसके पीछे का वास्तविक सत्य आपके समक्ष प्रस्तुत है
गरुड़ जी द्वारा कागभुसुंडी से पूछे गये वो सात प्रश्न थे
१- सबसे दुर्लभ शरीर कौन सा है
२- सबसे बड़ा दुःख क्या है
३- सबसे बड़ा सुख क्या है
४- संत और असंत में भेद क्या है और उनके स्वभाव का वर्णन
५- सबसे महान पुण्य क्या है
६- सबसे महान पाप क्या है
७- मानस रोग क्या है
इसके प्रत्युत्तर में असंत के गुण के वर्णन में कागभुसुंडी जी ने बताया था जो सबकी निंदा करते है वो चमगादड़ के रूप में जन्म लेते है । मानस रोग की व्याख्या में सब रोगों का मूल अज्ञानता अर्थात् मोह को बताया है। काम वासना को अत्यधिक वात बताया है लोभ की तुलना कफ व्याधि से और क्रोध की
तुलना पित्त व्याधि से की गयी है।

एवं समाधान में नियम धर्म उत्तम आचरण तप ज्ञान यज्ञ दान ये सब दवा के समान है जो सनातन धर्म में जीवन का अभिन्न अंग है। आप सबसे अनुरोध है अपने धर्मग्रंथ का अध्ययन करें।
रामचरितमानस का नियमित अध्ययन मेरे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग है जिससे मैंने उस भ्रम का प्रमाणपूर्वक खंडन किया है।

जय श्री राम 🙏🙏
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