#अगर_तुम_औरत_हो
अगर तुम कश्मीरी औरत हो..!
तो राष्ट्रभक्ति के लिए हो सकता है,
तुम्हारा बलात्कार..!
बलात्कारियों के समर्थन में,
फहराये जा सकते हैं तिरंगे..! 1/7
अगर तुम कश्मीरी औरत हो..!
तो राष्ट्रभक्ति के लिए हो सकता है,
तुम्हारा बलात्कार..!
बलात्कारियों के समर्थन में,
फहराये जा सकते हैं तिरंगे..! 1/7
अगर तुम मणिपुरी या
सात बहनों के देश की बेटी हो,
तो भी रौंदी जा सकती हो तुम..!
राष्ट्रभक्ति के लिए..!
तुम्हारी योनि में,
मारी जा सकती है गोली..! 2/7
सात बहनों के देश की बेटी हो,
तो भी रौंदी जा सकती हो तुम..!
राष्ट्रभक्ति के लिए..!
तुम्हारी योनि में,
मारी जा सकती है गोली..! 2/7
अगर तुम मुस्लिम औरत हो,
तब तो कब्र में भी सुरक्षित नहीं हो तुम..!
हिन्दू राष्ट्र के लिए कभी भी,
निकाला जा सकता है तुम्हें..!
बलात्कार के लिए..!
फाड़ी जा सकती है तुम्हारी कोख..!
मादा शरीर की खोज में..! 3/7
तब तो कब्र में भी सुरक्षित नहीं हो तुम..!
हिन्दू राष्ट्र के लिए कभी भी,
निकाला जा सकता है तुम्हें..!
बलात्कार के लिए..!
फाड़ी जा सकती है तुम्हारी कोख..!
मादा शरीर की खोज में..! 3/7
अगर तुम दलित औरत हो तो
सिर्फ पढ़-लिखकर वर्णव्यवस्था में,
सेंध लगाने के लिए,
लोहे की रॉड डाली जा सकती है..!
तुम्हारी योनि में खैरलांजी की तरह..!
तोड़ी जा सकती है गर्दन, हाथ, पांव,
हाथरस की तरह..! 4/7
सिर्फ पढ़-लिखकर वर्णव्यवस्था में,
सेंध लगाने के लिए,
लोहे की रॉड डाली जा सकती है..!
तुम्हारी योनि में खैरलांजी की तरह..!
तोड़ी जा सकती है गर्दन, हाथ, पांव,
हाथरस की तरह..! 4/7
अगर तुम सवर्ण औरत हो,
तब भी सुरक्षित नहीं हो तुम..!
गैंगरेप की बात ज़ुबान से निकालने भर से
मनुस्मृति की अवहेलना हो जाती है..!
इसके लिए हत्या की जा सकती है..!
तुम्हारी या तुम्हारे पिता/भाई की..! 5/7
तब भी सुरक्षित नहीं हो तुम..!
गैंगरेप की बात ज़ुबान से निकालने भर से
मनुस्मृति की अवहेलना हो जाती है..!
इसके लिए हत्या की जा सकती है..!
तुम्हारी या तुम्हारे पिता/भाई की..! 5/7
अगर तुम पुरूष सत्ता को
चुनौती देने वाली औरत हो,
तब तो धमकियां बलात्कार की ही मिलेंगी..!
हो भी सकती हो बलत्कृत..!
किसी पुलिस थाने या हवेली में..! 6/7
चुनौती देने वाली औरत हो,
तब तो धमकियां बलात्कार की ही मिलेंगी..!
हो भी सकती हो बलत्कृत..!
किसी पुलिस थाने या हवेली में..! 6/7
तुम कुछ भी हो..!
अगर औरत हो..!
तो हो निजाम के निशाने पर..!
इसलिए अगर तुम औरत हो तो
बहुत जरूरी है घरों से बाहर निकलना..!
सड़कों पर उतरना और भिड़ना..!
उस फासिस्ट निजाम से..!
जिनके लिए हम औरतें,
केवल शरीरहैं..!
जिनका बलात्कार किया जा सकताहै..!
अनेक वजहों से,
कहीं भी, कभी भी..! 7/7
अगर औरत हो..!
तो हो निजाम के निशाने पर..!
इसलिए अगर तुम औरत हो तो
बहुत जरूरी है घरों से बाहर निकलना..!
सड़कों पर उतरना और भिड़ना..!
उस फासिस्ट निजाम से..!
जिनके लिए हम औरतें,
केवल शरीरहैं..!
जिनका बलात्कार किया जा सकताहै..!
अनेक वजहों से,
कहीं भी, कभी भी..! 7/7