👌🏼 कहीं आप ही अपने बच्चों के पतन का कारण तो नहीं बन रहे?

इस छोटीसी कथा को पढ़ने के बाद ये प्रश्न अपने आप से तथा अपने घर मे जरूर कीजिएगा:

श्रीकृष्ण ने एक रात को स्वप्न में देखा कि, एक गाय अपने नवजात बछड़े को प्रेम से चाट रही है। चाटते-चाटते वह गाय +
उस बछड़े की कोमल खाल को छील देती है । उसके शरीर से रक्त निकलने लगता है । और वह बेहोश होकर, नीचे गिर जाता है। श्रीकृष्ण प्रातः यह स्वप्न,जब भगवान श्री नेमिनाथ को बताते हैं । तो, भगवान कहते हैं कि :- +
यह स्वप्न, पंचमकाल (कलियुग) का लक्षण है ।

कलियुग में माता-पिता, अपनी संतान को,इतना प्रेम करेंगे, उन्हें सुविधाओं का इतना व्यसनी बना देंगे कि, वे उनमें डूबकर, अपनी ही हानि कर बैठेंगे। सुविधा, भोगी और कुमार्ग - गामी बनकर विभिन्न अज्ञानताओं में फंसकर अपने होश गँवा देंगे।

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आजकल हो भी यही रहा है। माता पिता अपने बच्चों को, मोबाइल, बाइक, कार, कपड़े, फैशन की सामग्री और पैसे उपलब्ध करा देते हैं । बच्चों का चिंतन, इतना विषाक्त हो जाता है कि, वो माता-पिता से झूठ बोलना, बातें छिपाना,बड़ों का अपमान करना आदि सीख जाते हैं ।

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☝🏼 *याद रखियेगा* ! 👇🏽

संस्कार दिये बिना सुविधायें देना, पतन का कारण है।

बहुत से लोग ये कह सकते हैं कि हमारे पास सम्पत्ति है तो वो हम हमारे ही बच्चों को देते है उनकी सुविधा का खयाल रखते है तो क्या हम अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर रहे?

बिल्कुल कर रहे हैं लेकिन यहां भी +
वही बात आती है कि यदि बच्चों को सही मायनों मे उन चीजों की आवश्यकता है तो आप उन्हें जरूर दे.. लेकिन फिर से वहीं अंग्रेजी की कहावत उद्धृत करनी पड़ती है..

Needs are limited but there is no end to greed

जरूर सोचिये 🙏🙏
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