हाथरस कांड पर रिपोर्ट
मुकदमा अपराध संख्या – 136/20 घारा – 307, 376 डी भादवि और 3(2) 5 एससीएसटी एक्ट
1 – पीड़िता 14 सितंबर को सुबह 10.30 बजे थाने पर अपने भाई के साथ आईं, पुलिसकर्मी शिवकुमार के साथ उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया।
मुकदमा अपराध संख्या – 136/20 घारा – 307, 376 डी भादवि और 3(2) 5 एससीएसटी एक्ट
1 – पीड़िता 14 सितंबर को सुबह 10.30 बजे थाने पर अपने भाई के साथ आईं, पुलिसकर्मी शिवकुमार के साथ उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया।
2 – उनका बयान लिया गया जिसमें उन्होंने व उनके परिजनों ने बताया कि सभी लोग खेत कर तरफ गए थे। तभी संदीप नाम के युवक ने अकेले आकर उनका गला दबाकर उनकी हत्या का प्रयास किया।
पीड़िता के परिवार की तरफ से खुद अपने हाथ से दी हुई लिखित तहरीर दी गई जिसमें सिर्फ एक आरोपी संदीप पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया था। इस पर तत्काल हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया गया और संदीप की तलाश की जाने लगी।
इस दौरान परिवार व पीड़िता ने बार बार पूछे जाने के बाद भी किसी और आरोपी या गैंगरेप की बात नहीं बताई। इस दौरान अस्पताल में मीडिया के लोग और आम लोग भी वहां मौजूद थे। जिसके पर्याप्त प्रमाण हैं।
3- दिनांक 19 सितंबर को सीओ श्री रामशब्द यादव ने पीड़िता का 161 का बयान लिया जिसमें उन्होंने छेड़खानी किए जाने की बात कही। तत्काल धारा 354 बढा ली गई। छापेमारी कर 20 सितंबर को आरोपी संदीप को गिरफ्तार कर लिया गया।
बार बार पूछने पर पीड़िता ने यही बात दुहराई कि उनके साथ संदीप ने छेड़खानी की थी। विरोध करने पर उसने हत्या का प्रयास किया।
22 सितंबर को पीड़िता ने अपने एक और बयान में चार लोगों द्वारा गैंगरेप की बात कही। उनका कहना था कि संदीप के अलावा तीन लोगों ने उनके साथ गैंगरेप किया गया।
22 सितंबर को पीड़िता ने अपने एक और बयान में चार लोगों द्वारा गैंगरेप की बात कही। उनका कहना था कि संदीप के अलावा तीन लोगों ने उनके साथ गैंगरेप किया गया।
पुलिस ने तत्काल उनके बयान के आधार पर धारा 354 को गैंगरेप में बदल दिया। एवं एक आरोपी को 24 घंटे के भीतर, दूसरे आरोपी को 48 घंटे के भीतर व तीसरे आरोपी को 72 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
4 – इस प्रकार पीड़िता के हर बयान के आधार पर तत्काल कार्रवाई की जाती रही। अब सभी आरोपी गंभीर धाराओं में जेल के भीतर हैं।
5 – इस दौरान पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में गले पर चोट के निशान के अलावा शरीर पर कहीं भी गंभीर चोट के निशान नहीं मिले।
5 – इस दौरान पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में गले पर चोट के निशान के अलावा शरीर पर कहीं भी गंभीर चोट के निशान नहीं मिले।
इस मेडिकल रिपोर्ट में गैंगरेप के भी प्रमाण नहीं मिले। हमने आगे और विधिवत जांच के लिए फोरेंसिर विभाग को सैंपल भेजे हैं। साथ ही जैसा कि आप जानते हैं कि पीड़िता की दुखद मृत्यु हो चुकी है, लिहाजा हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार कर रहे हैं।
6- पीड़िता ने हर बार अपना बयान खुद बोलकर नोट कराया।
7- गले पर चोट के नाते स्पाइनल कार्ड में अंदरूनी चोट आई थी। रीढ की हड्ड़ी तोड़ने, आंख फोड़ने जैसी बातें पूर्णत गलत हैं, ये सारी बातें माहौल बिगाड़ने के लिए जानबूझ कर कुछ शरारती तत्वों की तरफ से फैलाई गईं।
7- गले पर चोट के नाते स्पाइनल कार्ड में अंदरूनी चोट आई थी। रीढ की हड्ड़ी तोड़ने, आंख फोड़ने जैसी बातें पूर्णत गलत हैं, ये सारी बातें माहौल बिगाड़ने के लिए जानबूझ कर कुछ शरारती तत्वों की तरफ से फैलाई गईं।
8- पोस्टमार्टम पश्चात घरवालों की इच्छा के मुताबिक पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ हाथरस उनके गांव लाकर परिवारवालों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कराया गया। जबरदस्ती दाह संस्कार कराने की बात पूरी तरह गलत है।
पोस्टमार्टम हुए काफ़ी देर हो चुका थी,लिहाज़ा शव की स्थिति देखते हुए सबने रात में ही अंतिम संस्कार का निर्णय लिया
9 – आरोपियों व वादी का घर एक ही गांव में है। कुछ बाहरी व शरारती तत्व इस मौके का लाभ उठाने की कोशिश में थे। इसके चलते पुलिस की मौजूदगी थी।
9 – आरोपियों व वादी का घर एक ही गांव में है। कुछ बाहरी व शरारती तत्व इस मौके का लाभ उठाने की कोशिश में थे। इसके चलते पुलिस की मौजूदगी थी।
10- पीड़ित परिवार से हम सबकी पूरी सहानुभूति है। चारों आरोपी जेल में है। मुख्यमंत्री जी ने जल्द से जल्द कठोरतमम सजा दिलाने के लिए केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही एसआईटी गठित की है। जो एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी।
11 – इस दुखद घटना के दौरान कुछ लोगों द्वारा जानबूझ कर कुछ निहायत झूठी, आपत्तिजनक और एकतरफा सूचनाएं फैलाई गई हैं, जिसका प्रमाण यूपी पुलिस के पास है। हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की विवेचना के कार्रवाई करने के साथ ही झूठी अफवाहें फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी।