छत्तीसगढ़ के कांकेर में पत्रकार के साथ हुई मारपीट का मामला में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस हमले की न केवल कड़ी निंदा की, बल्कि इसे गलत भी ठहराया है. उन्होंने कहा कि पीड़ित ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है, उसी आधार पर कार्रवाई हुई और आरोपी भी पकड़े गए. https://twitter.com/drramansingh/status/1310197637476352002
इंटक का यह धड़ाहमसे सीधा सम्बद्ध नहीं है. अपराधी कोई भी हो, चाहे किसी दल से जुड़ा हो, उसके खिलाफ कार्रवाई हुई है. रिपोर्ट आ रही है, जांच करवा देते हैं. अगर वो सही हैं, तो और धाराएं जोड़ेंगे.
रमनसिंह सरकार में इसी प्रदेश में बिलासपुर में पत्रकार की हत्या हुई, उसकी सीबीआई जांच का क्या हुआ ? पुलिस कस्टडी में जो आरोपी पकड़े गए थे उसका क्या हुआ ?
इसी बस्तर में एक पत्रकार को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया. रमन सरकार का आतंक इतना था कि उसे अपना प्रतिनिधि या कर्मचारी मानने से इनकार कर दिया गया था.
आज पत्रकार ताल ठोंककर कह रहै हैं कि भूपेश हम आ रहे हैं. इसका स्वागत है. यही प्रजातंत्र है. उस समय की स्थिति और आज में जो अंतर है इसे महसूस करिये ?
पत्रकार जगत पर हमले की घटना कोई भी हो कंही भी हो निंदनीय है. उसकी कड़ी निंदा हैं. ऐसा नहीं होना चहिए, लेकिन हो गया तो उसके खिलाफ सख्त करवाई की जाएगी. पिछले कार्यकाल में और इस कार्यकाल में अंतर बहुत स्पष्ट है.
छत्तीसगढ़ में पत्रकार जन सुरक्षा कानून पत्रकार ही बना रहे हैं. जनता से ही हमारी सरकार बनी है. सरकार बनने के बाद लोकसभा चुनाव हुये।लोकसभा 3 महीने चला. उसके बाद नगरीय निकाय चुनाव, फिर पंचायती राज चुनाव हुए.कोरोना वायरस आया और लॉकडाउन हो गया. इस बीच जितना सम्भव हो पाया किया हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने से पीछे नहीं हट रही है। कानून फाइनल स्टेज में है। जल्द ही पब्लिश किया जाएगा.आप सबके सुझाव आमंत्रित किये जायेंगे. अपनीतरह का देश में यह पहला कानून होगा इसलिये देखसमझकर बनाया जाएगा.आप सबके सुझाव आमंत्रित हैं.
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