CAG की लेटेस्ट रिपोर्ट ग़ज़ब की ऐंटी नैशनल रिपोर्ट है, इसकी वामपंथी और अर्बन नक्सल सोच देश के राष्ट्रवादी मोदी शाह की सरकार को झूठा बता रही है और कह रही कि इस सरकार ने GST और अन्य सेस के पैसों को उपयोग नियमो के विरुद्ध जाकर किया है ।
CAG के टुकड़े टुकड़े गैंग ने खान मार्केट में ये रिपोर्ट बनायी है और लिखा है कि सरकार ने GST का हिस्सा स्टेट को देने के बजाय सरकार ने अपने एक रिज़र्व में डाल दिया ताकि रेवेन्यू ज़्यादा दिखे और फ़िस्कल डेफ़ेसिट कम , भला इसमें क्या ग़लत बात है ?
कम फ़िस्कल डेफ़िसिट से किसका फ़ायदा होगा ?स्वाभाविक है देश का ,बाहर के देशों में भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर एक पॉज़िटिव ईमेज बनेगी जिससे भारी निवेश आयेगा, निवेश इतना भारी होगा कि उसके नीचे बेरोज़गारी दम तोड़ देगी लेकिन ये साले लिबरल हमेशा हर चीज़ को नेगेटिव तरीक़े से दिखलायेंगे
CAG की रिपोर्ट की निंदा करता हूँ , ऐसी रिपोर्ट्स राष्ट्रहित में सही नहीं है , रिपोर्ट वहीं जो सुदर्शन दिखलाये ।
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