शरद पवार ने २०१९ के महाराष्ट्र विधानसभा के मतादेश को झटककर सोचा की नरेन्द्र मोदी को मात दे दी।
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शरद पवार काँग्रेस और अन्य क्षेत्रीय सेकुलर पार्टियों की तरह एक जाति विशेष की अशरफ मुसलमानों के साथ मोर्चा वाले नेहरुवियन फार्मूले पर आधारित "सेकुलर" राजनीति करते हैं। उनकी राजनीति की फाइनेन्सिंग होती है मूलत: इन तीन श्रोतों से:
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(१) कोआपरेटिव बैंक के द्वारा लूट-खसोट
(२) कृषि उत्पाद समितियाँ के द्वारा लूट-खसोट और
(३) मुस्लिम माफिया द्वारा संचालित बालीवुड सिनेमा वर्ल्ड में केंद्रित गैरकानूनी नशीले पदार्थ (ड्रग्स) का व्यापार, वेश्यावृत्ति, एवं कालेधन को सफेद करने वाला व्यापार।
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3) Rakesh Asthana new chief of narcotics bureau

https://timesofindia.indiatimes.com/india/rakesh-asthana-new-chief-of-narcotics-bureau/articleshow/70473932.cms?fbclid=IwAR1yTNToggy0wLkf3WQFxRtxabLpCvJwRWlS-M3KmdQTxmv3hNoQL7k8nxc

तो शरद पवार के हाथ से कोआपरेटिव बैंक, एपीमसी समिती और बालीवुड का नियंत्रण तीनो ही चला गया।

बाल ठाकरे के पप्पू को मुख्यमंत्री बनाकर क्या मिला? बाबाजी का ठुल्लु? ☺️
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