पूरा मीडिया रैकेट एंटी बीजेपी था। जितने नैरेटिव्स बने सब-के-सब एंटी हिन्दू बने। अभिव्यक्ति के समस्त मंचों(टीवी,अख़बार, पत्रिका, पाठ्यक्रम) पर एंटी-हिन्दू लॉबी का कब्ज़ा था।
हिन्दू असहाय अपने खिलाफ़ बनते नैरेटिव्स को देखता और क्या करता।
फिर परवर्ती पूँजीवाद आया और अपने साथ (1)
हिन्दू असहाय अपने खिलाफ़ बनते नैरेटिव्स को देखता और क्या करता।
फिर परवर्ती पूँजीवाद आया और अपने साथ (1)
संचारक्रान्ति लेकर आया। यह फेसबुक भी लेकर आया।
अब आप रिया का इंटरव्यू कीजिये या पिया का, अब आप हिंदुओं को दंगाई कहिये अथवा 'उनको' शांतिदूत- सबका जवाब सोशल मीडिया पर दिया जाएगा।
आप नैरेटिव्स बनाइए यहां उसके परखच्चे उड़ा दिए जाएँगे। आप की फ़िल्म को डिस्लाइक करेंगे, आपकी
अब आप रिया का इंटरव्यू कीजिये या पिया का, अब आप हिंदुओं को दंगाई कहिये अथवा 'उनको' शांतिदूत- सबका जवाब सोशल मीडिया पर दिया जाएगा।
आप नैरेटिव्स बनाइए यहां उसके परखच्चे उड़ा दिए जाएँगे। आप की फ़िल्म को डिस्लाइक करेंगे, आपकी
टिकट्स फाड़ेंगे, आपके द्वारा प्रचारित वस्तुएं नहीं खरीदेंगे, आपके बनाये नैरेटिव्स और इंटरव्यूज़ की फेसबुक पर धज्जियाँ उड़ाएंगे।
आपको खाजदीप कहेंगे, बकैत कुमार कहेंगे, आकथू चैनल कहेंगे, 'सुन ले उद्धव ठाकरे' कहेंगे- अब आप बचेंगे नहीं।
यह नया भारत है। हिन्दू भारत। हिंदुओं ने (3)
आपको खाजदीप कहेंगे, बकैत कुमार कहेंगे, आकथू चैनल कहेंगे, 'सुन ले उद्धव ठाकरे' कहेंगे- अब आप बचेंगे नहीं।
यह नया भारत है। हिन्दू भारत। हिंदुओं ने (3)
रियेक्ट करना सीख लिया है। अब विरोध होगा, जहां जहां बोलोगे, जैसे-जैसे बोलोगे वहां-वहां जवाब दिया जाएगा।
हिन्दू जाग रहे हैं। आपकी नींद ले लेंगे। देखते रहिए।
हिन्दू जाग रहे हैं। आपकी नींद ले लेंगे। देखते रहिए।