तुलसी का महत्त्व
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र और लाभकारी माना गया है. ज्यादातर हिंदू घरों में तुलसी के पौधा जरूर होता है. तुलसी के पौधे को सुबह और शाम के समय पूरे श्रद्धा के साथ पूजा जाता है.
सदियों से घरों के आंगन में तुलसी के पौधे को लगाया जाता है और घर पर हर तरह के छोटे-बड़े धार्मिक आयोजनों में विशेष तौर पर पूजा होती है. धार्मिक महत्व के अलावा आयुर्वेद और विज्ञान में भी तुलसी के पौधे का बहुत महत्व माना गया है.
कार्तिक महीने में तुलसी जी और शालीग्राम का विवाह किया जाता है. कार्तिक माह में तुलसी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. तुलसी का पौधा जिस घर में होता है और नियमित रुप से सींचना होता है और रोज सुबह उसकी पूजा करने से मन शांत रहता है.
ऐसी मान्यता है कि रोजाना प्रातः काल तुलसी के दर्शन करने से आरोग्यता मिलती है.
शास्त्रों में कहा गया है कि तुलसी पूजन और उसके पत्तों को तोड़ने के लिए नियमों का पालन करना अति आवश्यक है.
जानते तुलसी पूजन के नियम-
-तुलसी का पौधा हमेशा घर के आंगन में लगाना चाहिए. आज के दौर में में जगह का अभाव होने की वजह तुलसी का पौधा बालकनी में लगा सकते है.
-रोज सुबह स्वच्छ होकर तुलसी के पौधे में जल दें और एवं उसकी परिक्रमा करें.
-सांय काल में तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाएं, शुभ होता है.
-रविवार के दिन तुलसी के पौधे में दीपक नहीं जलाना चाहिए.
-भगवान गणेश, मां दुर्गा और भगवान शिव को तुलसी न चढ़ाएं.
-आप कभी भी तुलसी का पौधा लगा सकते हैं लेकिन कार्तिक माह में तुलसी लगाना सबसे उत्तम होता है.
-तुलसी ऐसी जगह पर लगाएं जहां पूरी तरह से स्वच्छता हो
-तुलसी के पौधे को कांटेदार पौधों के साथ न रखें
तुलसी की पत्तियां तोड़ने के भी कुछ विशेष नियम हैं-

-तुलसी की पत्तियों को सदैव सुबह के समय तोड़ना चाहिए. अगर आपको तुलसी का उपयोग करना है तो सुबह के समय ही पत्ते तोड़ कर रख लें, क्योंकि तुलसी के पत्ते कभी बासी नहीं होते हैं.
-बिना जरुरत के तुलसी को की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए, यह उसका अपमान होता है.
-तुलसी की पत्तियां तोड़ते समय स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें.
-तुलसी के पौधे को कभी गंदे हाथों से न छूएं.
-तुलसी की पत्तियां तोड़ने से पहले उसे प्रणाम करेना चाहिए और इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए-
महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते
-बिना जरुरत के तुलसी को की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए, यह उसका अपमान होता है.
-रविवार, चंद्रग्रहण और एकादशी के दिन तुलसी नहीं तोड़ना चाहिए.
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