पराशर झील..
मंडी, हिमाचल..
दैवीय शक्ति का प्रमाण पराशर झील सनातन धर्म की धरोहर है..
इस झीर निर्माण से जुड़ी कथा है जब ऋषि पराशर को प्यास लगी तब उन्होंने एक गड्ढा खोदा जिसने झील का रूप ले लिया जहा मुनि बैठे थे वो जगह एक नौका कि तरह बन गई जो आज भी झील मै एक टापू की तरह स्थित है..
मंडी, हिमाचल..
दैवीय शक्ति का प्रमाण पराशर झील सनातन धर्म की धरोहर है..
इस झीर निर्माण से जुड़ी कथा है जब ऋषि पराशर को प्यास लगी तब उन्होंने एक गड्ढा खोदा जिसने झील का रूप ले लिया जहा मुनि बैठे थे वो जगह एक नौका कि तरह बन गई जो आज भी झील मै एक टापू की तरह स्थित है..
पराशर मुनि ने कठोर तपस्या कर इस स्थान को पवित्र बना दिया,पराशर मुनि पांडवो के पिता है,इस झील के समीप एक मंदिर स्थित है जो पराशर मुनि को ही समर्पित है जो कि पूरी तरह से लकड़े से बना है कहते है मुनि जिस वृक्ष के नीचे तपस्या कर रहे थे उस वृक्ष से ही उस मंदिर का निर्मण किया गया है
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इस झील की एक खास बात है कि इसकी गहराई को आज तक कोई नहीं माप सका है कही बार असफल प्रयास हो चुके है..