येणाऱ्या स्वातंत्र्य दिनानिमित्त देशातील एका प्रमुख परिवारावर विडंबन लिहीत आहे.

आवडल्यास अभिप्राय कळवा.

आओ बच्चो तुम्हे सुनाए किस्से गांधी परिवार के|
खोलेंगे आज हम सारे राज शिष्टाचार के |
(1/4)
एक थी इंदिरा जो फिरोज कि लुगाई हैं |
भोले चेहरे के पीछे एक कडवी सच्चाई हैं |
पढोगे किताब जिसके लेखक OP मथाई हैं|
तब समझोगे कितनी हमसे बाते छुपाई हैं |
मजाक बनी थी सिमला में भुत्तो से हार के |
खोलेंगे आज हम सारे राज शिष्टाचार के |
(2/4)
एक था वो राजीव जिसने सिखो को मरोडा था |
भोपाल के कातिल को उसने देशके बाहर छोडा था|
सुप्रीम कोर्ट रोक शाहबानो के हक को छेडा था |
खोल के ताला बाबरी का देश का माहोल बिगाडा था |
करके घोटाले बडे पैसे खाये हाथियार के |
खोलेंगे आज हम सारे राज शिष्टाचार के |
(3/4)
संताने अँटोनिया कि अलग ही कहानी हैं |
पचास साल के बच्चे सबको दिखती जवानी हैं|
दामाद ने जैसे देश को लुटने कि ठानी हैं |
सबसे अलग लगती इसकी बेटी अकेली सयानी हैं|
जल्द ही खुलेंगे अब कमरे तिहार के |
खोलेंगे आज हम सारे राज शिष्टाचार के |
(4/4)
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