राजा से किसी ने कह दिया है कि राजकीय मुद्रा के नोटों का रंग ठीक नहीं है। इससे राज्य के गृह नक्षत्र ठीक नहीं चल रहे। राजा ने हुक्म दिया "सारे नोट रातों रात बदल दिए जाएँ।" हुक्म की तामील हुई। https://twitter.com/BankerDihaadi/status/1293232855615713282">https://twitter.com/BankerDih...
पालतू ढोलों ने बताया की कैसे नोटों का रंग बदलने से सारे देशद्रोही गरीब हो गए हैं, पड़ौसी दुश्मन राजा डर से थर-थर काँप रहा है, देश में लगभग रामराज्य आ ही गया है। ये किसी ने नहीं बताया की नोट बदलते बदलते बेचारा खजांची अधमरा हो गया।
राजा को किसी ने कह दिया है कि PSU वाले काम नहीं करते। राजा सब PSU बेचने पे तुला है। चापलूस एक कदम आगे हैं। PSU वालों को देशद्रोही घोषित कर चुके हैं। एक ने कहा की लोगों में बचत करने की गन्दी आदत है इसी वजह से देश की अर्थव्यस्था डूबी हुई है।
लोग बचत का पैसा बैंकों में जमा करते हैं। खर्च नहीं करते। फिर देश कैसे आगे बढ़ेगा? लोगों में लोन लेने की आदत डालनी चाहिए। चार्वाक ऋषि ने भी तो कहा है की "ऋणम कृत्वा घृतम पिवेत, यावत जीवेत सुखम जीवेत।" अब राजा लोगों में लोन लेने की आदत डलवा रहा है।
मुफ्त लोन बांटे जा रहे हैं, जबरदस्ती लोन बांटे जा रहे हैं, जिसको नहीं चाहिए उसको भी लोन बांटे जा रहे हैं। राजा के चापलूस लोगों से कह रहे हैं कि लोन ले लो, वापिस नहीं करना पड़ेगा।
राजा को किसी ने कह दिया है कि बैंक लोन देने में आनाकानी करते हैं। "क्यों?" "अरे वो पिछला लोन नहीं चुकाया था न इसलिए। अब पिछली बार घाटा हुआ इसका मतलब ये तो नहीं कि इस बार भी होगा। चोर रोज चोरी करे ये जरूरी तो नहीं।"
"सही बात है। पिछले रिकॉर्ड देखे बिना लोन दिया जाएगा।" राजा ने हुक्म दिया। "पर महाराज इससे तो बैंक बर्बाद हो जाएंगे।" कुछ समझदार लोगों ने बोलना चाहा। "चुप रहो तुम। देशद्रोही कहीं के।" राजा के चाटुकार एक कदम और आगे निकल गए। वे आधार कार्ड की गारंटी पे लोन मांगने पहुँच गए।
एक भाई साहब ने तो हद्द ही कर दी। बैंक में जा के फांसी का फंदा दिखाते हुए बोले कि बिना कागज बिना साइन के लोन दो नहीं तो मैनेजर को फांसी पे लटका देंगे। राजा और उसके चापलूस जाने और क्या क्या गुल खिलाएंगे? जनता को सब दिख रहा है। बस राजा के देशभक्ति जांचने वाले कपडे नहीं दिख रहे।