10 प्वायंट्स में जानें कि #UPSC_Scam क्या है? पूरा पढ़ें। Rt.

1. यूपीएससी सफल और असफल कैंडिडेट के रिटेन और इंटरव्यू के नंबर सार्वजनिक नहीं करता। किसी बात की तो पर्दादारी है।

2. इस साल का रिज़ल्ट आ गया है लेकिन किसी को नहीं मालूम कि कैंडिडेट्स को कितने नंबर आए हैं... जारी...
3. यूपीएससी सभी सफल कैंडिडेट के नाम नहीं बताता। इस साल 927 अफ़सर बनाए जाएँगे। लेकिन रिज़ल्ट में नाम सिर्फ 829 लोगों का है।

4. बाक़ी नियुक्तियों के लिए यूपीएससी एक गोपनीय रिज़र्व लिस्ट बनाता है। इस लिस्ट में कौन हैं, ये उस कैंडिडेट को भी नहीं मालूम जो इस लिस्ट में है।
5. गोपनीय रिज़र्व लिस्ट में रिज़र्व कटेगरी के उतने कैंडिडेट हैं, जो जनरल मेरिट से सलेक्ट हुए हैं। उतने ही नाम ओपन कटेगरी के हैं।

इनमें से 95% तक सलेक्शन उनका होगा, जो जनरल कटेगरी के एप्लिकेंट हैं। यानी यह सवर्ण लिस्ट है।
6. यूपीएससी ने ये ग़लत नियम बनाया है कि मेरिट में आने वाले एससी, एसटी, ओबीसी का कैंडिडेट, अगर मेरिट के हिसाब से सर्विस माँगता है तो उसकी सीट जनरल कैंडिडेट को दे दी जाएगी।
7. यूपीएससी ने जनरल कटेगरी का मतलब अपर कास्ट कटेगरी बना दिया है जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि जनरल कैटेगरी ओपन कटेगरी है।

यानी कैटेगरी का रिज़र्वेशन न्यूनतम संख्या तय करता है, न कि अधिकतम।
8. व्यक्तिगत आँकड़े नहीं जारी होते हैं। लेकिन कट ऑफ के नंबर से ये भी साबित हुआ है कि यूपीएससी रिज़र्व कैटेगरी के कैंडिडेट को रिटेन में अधिक या बराबर नंबर आने पर भी, इंटरव्यू में कम नंबर देता है।
9. यूपीएससी ये बताने को तैयार नहीं है कि इंटरव्यू बोर्ड में रिज़र्व कटेगरी का कोई मेंबर होता है या नहीं। यूपीएससी इंटरव्यू के लाइव वेबकास्ट के लिए भी तैयार नहीं है।
10. यूपीएससी को संचालित करने वाले 11 सदस्यों में एक भी मेंबर SC, ST, OBC का नहीं है।
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