5 अगस्त 2020 , जी हाँ आज ही है वो ऐतिहासिक दिन जब करोडों भारतवासियों का स्वप्न पूरा होने जा रहा है। बरसो के संघर्ष के बाद आज ही के दिन आराध्य श्री राम के मंदिर के भूमि पूजन की तिथि है। तो चलिये इस अवसर पर आज आपको इस ऐतिहासिक दिन के पीछे की पृष्ठभूमि से अवगत कराया जाये। 1/n
अयोध्या प्रभु श्री राम की जन्मस्थली और हिंदुओं की आस्था का केंद्र जहाँ प्रभु राम का जन्म हुआ प्रभु राम का बचपन बीता प्रभु की अनेक लीलाएँ वहाँ हुई..!!
गौरतलब है कि आज 5 अगस्त को प्रभु के मंदिर का भूमिपूजन है 2/n
गौरतलब है कि आज 5 अगस्त को प्रभु के मंदिर का भूमिपूजन है 2/n
अयोध्या मूल रूप से मंदिरों का शहर था जैन मत के अनुसार यहां आदिनाथ सहित 5 तीर्थंकरों का जन्म हुआ था। बौद्ध मत के अनुसार यहां भगवान बुद्ध ने कुछ माह विहार किया था।
अयोध्या को भगवान श्रीराम के पूर्वज विवस्वान (सूर्य) के पुत्र वैवस्वत मनु ने बसाया था..!!3/n
अयोध्या को भगवान श्रीराम के पूर्वज विवस्वान (सूर्य) के पुत्र वैवस्वत मनु ने बसाया था..!!3/n
तभी से इस नगरी पर सूर्यवंशी राजाओं का राज महाभारतकाल तक रहा..!!
15वी शताब्दी में जब बाबर दिल्ली की गद्दी पर आसीन हुआ उस समय जन्मभूमि सिद्ध महात्मा श्यामनन्द जी महाराज के अधिकार क्षेत्र में थी। महात्मा श्यामनन्द की ख्याति सुनकर ख्वाजा कजल अब्बास मूसा आशिकान अयोध्या आये। 4/n
15वी शताब्दी में जब बाबर दिल्ली की गद्दी पर आसीन हुआ उस समय जन्मभूमि सिद्ध महात्मा श्यामनन्द जी महाराज के अधिकार क्षेत्र में थी। महात्मा श्यामनन्द की ख्याति सुनकर ख्वाजा कजल अब्बास मूसा आशिकान अयोध्या आये। 4/n
महात्मा जी के शिष्य बनकर ख्वाजा कजल अब्बास मूसा ने योग और सिद्धियाँ प्राप्त कर लीं और उनका नाम भी महात्मा श्यामनन्द के ख्यातिप्राप्त शिष्यों में लिया जाने लगा। ये सुनकर जलालशाह नाम का एक फकीर भी महात्मा श्यामनन्द के पास आया और उनका शिष्य बनकर सिद्धियाँ प्राप्त करने लगा!!
5/n
5/n
जलालशाह एक कट्टर मुसलमान था और उसको एक ही सनक थी हर जगह इस्लाम का आधिपत्य साबित करना अत: जलालशाह ने अपने काफिर गुरु की पीठ में छुरा घोंपकर ख्वाजा कजल अब्बास मूसा के साथ मिलकर ये विचार किया कि यदि इस मंदिर को तोड़ कर मस्जिद बना दी जाये तो इस्लाम का परचम हिन्दुस्थान में स्थायी होगा
धीरे धीरे जलालशाह और ख्वाजा कजल अब्बास मूसा इस साजिश को अंजाम देने की तैयारियों में जुट गए।
सर्वप्रथम जलालशाह और ख्वाजा बाबर के विश्वासपात्र बने और दोनों ने अयोध्या को खुर्द मक्का बनाने के लिए जन्मभूमि के आसपास की जमीनों में बलपूर्वक मृत मुसलमानों को दफन करना शुरू किया!! 7/n
सर्वप्रथम जलालशाह और ख्वाजा बाबर के विश्वासपात्र बने और दोनों ने अयोध्या को खुर्द मक्का बनाने के लिए जन्मभूमि के आसपास की जमीनों में बलपूर्वक मृत मुसलमानों को दफन करना शुरू किया!! 7/n
और मीरबाँकी खां के माध्यम से बाबर को उकसा कर मंदिर के विध्वंस का कार्यक्रम बनाया। बाबा श्यामनन्द जी अपने मुस्लिम शिष्यों की करतूत देख के बहुत दुखी हुए और अपने निर्णय पर उन्हें बहुत पछतावा हुआ !! 8/n
दुखी मन से बाबा श्यामनन्द जी ने रामलला की मूर्तियाँ सरयू में प्रवाहित कीं और खुद हिमालय की ओर तपस्या करने चले गए। मंदिर के पुजारियों ने मंदिर के अन्य सामान आदि हटा लिए और वे स्वयं मंदिर के द्वार पर रामलला की रक्षा के लिए खड़े हो गए। 9/n
जलालशाह की आज्ञा के अनुसार उन चारों पुजारियों के सर काट लिए गए। जिस समय मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाने की घोषणा हुई उस समय भीटी के राजा महताब सिंह बद्री नारायण की यात्रा करने के लिए निकले थे, अयोध्या पहुंचने पर रास्ते में उन्हें ये खबर मिली तो उन्होंने अपनी यात्रा स्थगित कर दी
10/n
10/n
और अपनी छोटी सेना में रामभक्तों को शामिल कर 1 लाख चौहत्तर हजार लोगों के साथ बाबर की सेना के 4 लाख 50 हजार सैनिकों से लोहा लेने निकल पड़े।
रामभक्तों ने सौगंध ले रखी थी रक्त की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे जब तक प्राण है तब तक मंदिर नहीं गिरने देंगे। 11/n
रामभक्तों ने सौगंध ले रखी थी रक्त की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे जब तक प्राण है तब तक मंदिर नहीं गिरने देंगे। 11/n
रामभक्त वीरता के साथ लड़े 70 दिनों तक घोर संग्राम होता रहा और अंत में राजा महताब सिंह समेत सभी 1 लाख 75 हजार रामभक्त मारे गए। श्रीराम जन्मभूमि रामभक्तों के रक्त से लाल हो गयी।
12/n
12/n
इस भीषण कत्ले आम के बाद मीरबांकी (एक इतिहासकार trueindology @TIinExile के अनुसार मीर बांकी नाम को कोई शख्स अस्तित्व में ही नही था) ने तोप लगा के मंदिर गिरवा दिया। मंदिर के मसाले से ही मस्जिद का निर्माण हुआ।
13/n
13/n
पानी की जगह मरे हुए हिन्दुओं का रक्त इस्तेमाल किया गया नीव में लखौरी इंटों के साथ
एक लाख चौहतर हजार हिंदुओं की लाशें गिर जाने के पश्चात मीरबाँकी अपने मंदिर ध्वस्त करने के अभियान में सफल हुआ और उसके बाद जन्मभूमि के चारों और तोप लगवाकर मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया. 14/n
एक लाख चौहतर हजार हिंदुओं की लाशें गिर जाने के पश्चात मीरबाँकी अपने मंदिर ध्वस्त करने के अभियान में सफल हुआ और उसके बाद जन्मभूमि के चारों और तोप लगवाकर मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया. 14/n
और 1528 में तीन गुम्बद वाली एक मस्जिद खड़ी कर दी
इस बीच अनेको घटनाएं हुई कि हिन्दू भाइयो ने जन्मभूमि के लिए अपनी जान गंवा दी और उन्होंने 1 पल का भी संकोच नही किया..!!
15/n
इस बीच अनेको घटनाएं हुई कि हिन्दू भाइयो ने जन्मभूमि के लिए अपनी जान गंवा दी और उन्होंने 1 पल का भी संकोच नही किया..!!
15/n
इस बीच इन आक्रमणों में अयोध्या के आसपास के गांवों के सूर्यवंशीय क्षत्रियों ने पूर्ण सहयोग दिया जिनमें सराय के ठाकुर सरदार गजराज सिंह और राजेपुर के कुँवर गोपाल सिंह तथा सिसिण्डा के ठाकुर जगदंबा सिंह प्रमुख थे। 16/n
ये सारे वीर ये जानते हुए भी कि उनकी सेना और हथियार बादशाही सेना के सामने कुछ भी नहीं हैं अपने जीवन के आखिरी समय तक शाही सेना से लोहा लेते रहे।लम्बे समय तक चले इन युद्धों में रामलला को मुक्त कराने के लिए हजारों हिन्दू वीरों ने अपना बलिदान दिया..!!
17/n
17/n
और अयोध्या की धरती पर उनका रक्त बहता रहा। ठाकुर गजराज सिंह और उनके साथी क्षत्रियों के वंशज आज भी सराय में मौजूद हैं। 18/n
आज भी फैजाबाद जिले के आसपास के सूर्यवंशीय क्षत्रिय सिर पर पगड़ी नहीं बांधते, जूता नहीं पहनते, छाता नहीं लगाते, उन्होंने अपने पूर्वजों के सामने ये प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक श्री राम जन्मभूमि का उद्धार नहीं कर लेंगे तब तक जूता नहीं पहनेंगे, छाता नहीं लगाएंगे, पगड़ी नहीं पहनेंगे!19/n
नवाब सहादत अली के समय 1763 ईस्वीं में जन्मभूमि के रक्षार्थ अमेठी के राजा गुरुदत्त सिंह और पिपरपुर के राजकुमार सिंह के नेतृत्व में बाबरी ढांचे पर पुनः पाँच आक्रमण किये गये जिसमें हर बार हिन्दुओं की लाशें अयोध्या में गिरती रहीं।
20/n
20/n
लगातार हिंदुओं के हमले से ऊबकर नवाब ने हिंदुओं और मुसलमानों को एक साथ नमाज पढ़ने और भजन करने की इजाजत दे दी पर सच्चा मुसलमान होने के नाते उसने काफिरों को जमीन नहीं सौंपी।
21/n
21/n
नासिरुद्दीन हैदर के समय में मकरही के राजा के नेतृत्व में जन्मभूमि को पुनः अपने रूप में लाने के लिए हिंदुओं के तीन आक्रमण हुये जिसमें बड़ी संख्या में हिन्दू मारे गये। परन्तु तीसरे आक्रमण में डटकर नवाबी सेना का सामना हुआ। 22/n
8वें दिन हिंदुओं की शक्ति क्षीण होने लगी, जन्मभूमि के मैदान में हिन्दुओं और मुसलमानों की लाशों का ढेर लग गया। इस संग्राम में भीती, हंसवर, मकर ही, खजुरहट, दीयरा अमेठी के राजा गुरुदत्त सिंह आदि सम्मलित थे। हारती हुई हिन्दू सेना के साथ वीर चिमटाधारी साधुओं की सेना आ मिली
23/n
23/n
और इस युद्ध में शाही सेना के चिथड़े उड़ गये और उसे रौंदते हुए हिंदुओं ने जन्मभूमि पर कब्जा कर लिया। मगर हर बार की तरह कुछ दिनों के बाद विशाल शाही सेना ने पुनः जन्मभूमि पर अधिकार कर लिया और हजारों हिन्दुओं को मार डाला गया। जन्मभूमि में हिन्दुओं का रक्त प्रवाहित होने लगा!!
24/n
24/n
नवाब वाजिदअली शाह के समय के समय में पुनः हिंदुओं ने जन्मभूमि के उद्धारार्थ आक्रमण किया।
इस संग्राम में बहुत ही भयंकर खूनखराबा हुआ। दो दिन और रात होने वाले इस भयंकर युद्ध में सैकड़ों हिन्दुओं के मारे जाने के बावजूद हिन्दुओं ने राम जन्मभूमि पर कब्जा कर लिया।
25/n
इस संग्राम में बहुत ही भयंकर खूनखराबा हुआ। दो दिन और रात होने वाले इस भयंकर युद्ध में सैकड़ों हिन्दुओं के मारे जाने के बावजूद हिन्दुओं ने राम जन्मभूमि पर कब्जा कर लिया।
25/n
क्रुद्ध हिंदुओं की भीड़ ने कब्रें तोड़ फोड़ कर बर्बाद कर डालीं, मस्जिदों को मिसमार करने लगे और पूरी ताकत से मुसलमानों को मार-मार कर अयोध्या से खदेड़ना शुरू किया। मगर हिन्दू भीड़ ने मुसलमान स्त्रियों और बच्चों को कोई हानि नहीं पहुचाई। अयोध्या में प्रलय मचा हुआ था।
26/n
26/n
हिंदुओं ने अपना सपना पूरा किया और औरंगजेब द्वारा विध्वंस किए गए चबूतरे को फिर वापस बनाया। चबूतरे पर तीन फीट ऊँची खस की टाट से एक छोटा सा मंदिर बनवा लिया जिसमें पुनः रामलला की स्थापना की गयी। 27/n
कुछ जेहादी मुल्लाओं को ये बात स्वीकार नहीं हुई और कालांतर में जन्मभूमि फिर हिन्दुओं के हाथों से निकल गयी।
इन सब में एक खास बात देखने को जो मिली
28/n
इन सब में एक खास बात देखने को जो मिली
28/n
वो ये थी कि एक इतिहासकार trueindology @TIinExile ने खुलासा किया कि बाबर के किसी भी रिकॉर्ड में बाबरी मस्जिद नाम का कोई उल्लेख नही है और मुग़ल के किसी भी डॉक्यूमेंट में बाबरी मस्जिद का नाम नही है 1946 तक बाबरी मस्जिद का नाम कागज़ों में "मस्जिद-ए-जन्मस्थान" था
29/n
29/n
और 1946 में इसका नाम "बाबरी मस्जिद" ब्रिटिश सरकार द्वारा रख दिया गया!
सालो बीतने के बाद फिर
1853 में फिर से धार्मिक दंगे देखे गए जो कि अयोध्या प्रभु श्री राम की जन्मभूमि को लेकर ही थे
30/n
सालो बीतने के बाद फिर
1853 में फिर से धार्मिक दंगे देखे गए जो कि अयोध्या प्रभु श्री राम की जन्मभूमि को लेकर ही थे
30/n
1885 में महंत रघुबर दास ने फैज़ाबाद कोर्ट में पहला केस फ़ाइल किया जिसमे उन्होंने जन्मभूमि वाले स्थान पर मंदिर बनाने का प्रस्ताव किया जो कि कोर्ट ने प्रस्ताव को निरस्त कर दिया
सन 1949 में जन्मभूमि अयोध्या में प्रभु की मूर्तियां और कुछ प्रतिमाएं निकली जो कि मस्जिद के अंदर से निकली
सन 1949 में जन्मभूमि अयोध्या में प्रभु की मूर्तियां और कुछ प्रतिमाएं निकली जो कि मस्जिद के अंदर से निकली
इस बात पर बहुत बड़ा विवाद हो गया और मस्जिद को ताला लगा दिया गया
प्रभु की पूजा करने के लिए गोपाल विशारद और रामचन्द्र दास फैज़ाबाद जिला कोर्ट गए केस 1950 में फ़ाइल किया गया फिर ये इलाहाबाद कोर्ट में गया
इसके बाद निर्मोही अखाड़ा ने प्रबंधन और पूजा का अधिकार मांगते हुए केस किया
प्रभु की पूजा करने के लिए गोपाल विशारद और रामचन्द्र दास फैज़ाबाद जिला कोर्ट गए केस 1950 में फ़ाइल किया गया फिर ये इलाहाबाद कोर्ट में गया
इसके बाद निर्मोही अखाड़ा ने प्रबंधन और पूजा का अधिकार मांगते हुए केस किया
1961 में सुन्नी बक्फ बोर्ड ने केस में मालिकाना हक और कब्जा मांगा
1986 में फैज़ाबाद कोर्ट ने हिन्दुओ को पूजा करने और दर्शन करने की अनुमति दे दी!
32/n
1986 में फैज़ाबाद कोर्ट ने हिन्दुओ को पूजा करने और दर्शन करने की अनुमति दे दी!
32/n
1989 में रामलला विराजमान की तरफ से केस किया गया
1990 30 अक्टूबर को हजारों रामभक्तों ने वोट-बैंक के लालची मुलायम सिंह यादव के द्वारा खड़ी की गईं अनेक बाधाओं को पार कर अयोध्या में प्रवेश किया और विवादित ढांचे के ऊपर भगवा ध्वज फहरा दिया।
33/n
1990 30 अक्टूबर को हजारों रामभक्तों ने वोट-बैंक के लालची मुलायम सिंह यादव के द्वारा खड़ी की गईं अनेक बाधाओं को पार कर अयोध्या में प्रवेश किया और विवादित ढांचे के ऊपर भगवा ध्वज फहरा दिया।
33/n
लेकिन 2 नवम्बर 1990 को मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया, जिसमें सैकड़ों रामभक्तों ने अपने जीवन की आहुतियां दीं। सरकार ने मृतकों की असली संख्या छिपायी परन्तु प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सरयू तट रामभक्तों की लाशों से पट गया था
34/n
34/n
1992 : दिसंबर 6 जिसको हम शौर्य दिवस के रूप में मनाते है तब 1992 में 1.5 लाख कारसेवकों की भीड़ ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया..!इसमें रामभक्तों और कारसेवकों का एक नारा था "एक धक्का और दो बाबरी मस्जिद तोड़ दो" इस नारे से सभी भक्तों में एक अलग जोश देखा जा रहा था
35/n
35/n
तब 2 FIR की गई एक कारसेवकों के ऊपर और दूसरी पोलिटिकल लीडर्स के ऊपर
1993 पी.वी.नरसिम्हा राव की सरकार ने विवादित ढांचे से सटे 67 acre जमीन को अपने कब्जे में ले लिया.!और cbi ने एक फ़ाइल चार्जशीट के रूप में तैयार की जो कि आडवाणी और बाकी के लीडर्स के ऊपर थी
36/n
1993 पी.वी.नरसिम्हा राव की सरकार ने विवादित ढांचे से सटे 67 acre जमीन को अपने कब्जे में ले लिया.!और cbi ने एक फ़ाइल चार्जशीट के रूप में तैयार की जो कि आडवाणी और बाकी के लीडर्स के ऊपर थी
36/n
2002 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दलील सुनना शुरू किया और ASI(भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ) को सबूत जुटाने को कहा..!!
2003 में ASI द्वारा जो रिपोर्ट दी गयी उस रिपोर्ट के मुताबिक, विवादित ढांचे के ठीक नीचे एक बड़ी संरचना मिली जो उत्तर भारत के मंदिरों जैसी है!
37/n
2003 में ASI द्वारा जो रिपोर्ट दी गयी उस रिपोर्ट के मुताबिक, विवादित ढांचे के ठीक नीचे एक बड़ी संरचना मिली जो उत्तर भारत के मंदिरों जैसी है!
37/n
2010 में आडवाणी जी को सभी विवादों से मुक्त कर दिया गया और विवादित ढांचे को तीन हिस्सों में बांट दिया गया
हिन्दू,मुस्लिम,निर्मोही अखाड़ा..!!
2011 में तीनो पार्टियों के द्वारा अपील सुप्रीम कोर्ट में करने पर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी
38/n
हिन्दू,मुस्लिम,निर्मोही अखाड़ा..!!
2011 में तीनो पार्टियों के द्वारा अपील सुप्रीम कोर्ट में करने पर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी
38/n
2019 में पांच जज की बेंच ने इस मुद्दे पर फैसला सुनाया
जिसकी अध्यक्षता पूर्व मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई द्वारा की गई
इस फैसले में कोर्ट ने कहा कि की कानून राजनीतिक विचारों,धर्म एवं विश्वास से अलग होना चाहिए..!
और ये फैसला कानून के शासन पर विश्वास की जीत पर याद रखा जाएगा
39/n
जिसकी अध्यक्षता पूर्व मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई द्वारा की गई
इस फैसले में कोर्ट ने कहा कि की कानून राजनीतिक विचारों,धर्म एवं विश्वास से अलग होना चाहिए..!
और ये फैसला कानून के शासन पर विश्वास की जीत पर याद रखा जाएगा
39/n
और ये फैसला आस्था और विश्वास के आधार पर विवादित ढांचे को हिन्दुओ के पक्ष में रखकर पूजा करने के लिए दिया गया
भारतीय पुरात्व विभाग द्वारा खुलासा जो किया गया था वो था कि विवादित ढांचे के नीचे जो सरंचना मिली
40/n
भारतीय पुरात्व विभाग द्वारा खुलासा जो किया गया था वो था कि विवादित ढांचे के नीचे जो सरंचना मिली
40/n
वो 7सातवीं शताब्दी की थी और मस्जिद का जो मलवा था वो 16वीं शताब्दी में बनाया गया और उन्होंने पाया कि जैन और बुध मंदिरों के होने के सबूत भी मिले जो कि 7सातवीं शताब्दी के ही थे.!
41/n
41/n
इस प्रकार अंत मे सत्य की ही विजय हुई और करोड़ो हिन्दुओ की आस्था के प्रतीक प्रभु श्री राम जन्मभूमि का स्थान उनको ससम्मान प्राप्त हुआ और कोर्ट के आदेश के अनुसार फैसले के तीन महीने के अंदर एक संस्था बनाना जो कि मंदिर के निर्माण में सहयोग और देख रेख करेगी !!
42/n
42/n
इस प्रकार अब आज 5 अगस्त के दिन अयोध्या में अपने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भूमिपूजन किया जाएगा
अनेक हिन्दुओ के जान गवाने के बाद अंत मे विजय प्रभु श्री राम की हुई ,हिन्दुओ की हुई, आस्था की हुई विश्वास की हुई
43/n
अनेक हिन्दुओ के जान गवाने के बाद अंत मे विजय प्रभु श्री राम की हुई ,हिन्दुओ की हुई, आस्था की हुई विश्वास की हुई

43/n
बच्चा - 2 झूमेगा, भगवा ध्वज लहरायेगा
खुशहाली छा जायेगी, राम राज्य अब आयेगा
मेरा हिंदुस्तान फिर से सोने की चिड़िया कहलायेगा
हर घर खुशियां होगी, घी के दिये जलायेगे
सब भारतवासी मिलकर श्री राम की महिमा गायेंगे
प्रभु राम की आज्ञा से मन्दिर वही बनायेगे!!
सियावर रामचन्द्र जी की जय
खुशहाली छा जायेगी, राम राज्य अब आयेगा
मेरा हिंदुस्तान फिर से सोने की चिड़िया कहलायेगा
हर घर खुशियां होगी, घी के दिये जलायेगे
सब भारतवासी मिलकर श्री राम की महिमा गायेंगे
प्रभु राम की आज्ञा से मन्दिर वही बनायेगे!!
सियावर रामचन्द्र जी की जय


सादर धन्यवाद
@TheAbhishek26
@iVardhmanJain
@SajjanBalak
आप तीनो की मेहनत से हमने ये थ्रेड कम्पलीट किया है
और स्पेशल थैंक्स to नाम राशि बंधु @TheAbhishek26 जी
@TheAbhishek26
@iVardhmanJain
@SajjanBalak
आप तीनो की मेहनत से हमने ये थ्रेड कम्पलीट किया है
और स्पेशल थैंक्स to नाम राशि बंधु @TheAbhishek26 जी
