॥ नामरामायणम् ॥

॥ बालकाण्डम् ॥

शुद्धब्रह्मपरात्पर राम् ॥१॥
कालात्मकपरमेश्वर राम् ॥२॥
शेषतल्पसुखनिद्रित राम् ॥३॥
ब्रह्माद्यामरप्रार्थित राम् ॥४॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
चण्डकिरणकुलमण्डन राम् ॥५॥
श्रीमद्दशरथनन्दन राम् ॥६॥
कौसल्यासुखवर्धन राम् ॥७॥
विश्वामित्रप्रियधन राम् ॥८॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
घोरताटकाघातक राम् ॥९॥
मारीचादिनिपातक राम् ॥१०॥
कौशिकमखसंरक्षक राम् ॥११॥
श्रीमदहल्योद्धारक राम् ॥१२॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
गौतममुनिसंपूजित राम् ॥१३॥
सुरमुनिवरगणसंस्तुत राम् ॥१४॥
नाविकधावितमृदुपद राम् ॥१५॥
मिथिलापुरजनमोहक राम् ॥१६॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
विदेहमानसरञ्जक राम् ॥१७॥
र्यंबककार्मुकभञ्जक राम् ॥१८॥
सीतार्पितवरमालिक राम् ॥१९॥
कृतवैवाहिककौतुक राम् ॥२०॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
भार्गवदर्पविनाशक राम् ॥२१॥
श्रीमदयोध्यापालक राम् ॥२२॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
॥ अयोध्याकाण्डम् ॥

अगणितगुणगणभूषित राम् ॥२३॥
अवनीतनयाकामित राम् ॥२४॥
राकाचन्द्रसमानन राम् ॥२५॥
पितृवाक्याश्रितकानन राम् ॥२६॥
प्रियगुहविनिवेदितपद राम् ॥२७॥
तत्क्षालितनिजमृदुपद राम् ॥२८॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
भरद्वाजमुखानन्दक राम् ॥२९॥
चित्रकूटाद्रिनिकेतन राम् ॥३०॥
दशरथसन्ततचिन्तित राम् ॥३१॥
कैकेयीतनयार्थित राम् ॥३२॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।

विरचितनिजपितृकर्मक राम् ॥३३॥
भरतार्पितनिजपादुक राम् ॥३४॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
॥ अरण्यकाण्डम् ॥

दण्डकवनजनपावन राम् ॥३५॥
दुष्टविराधविनाशन राम् ॥३६॥
शरभङ्गसुतीक्ष्णार्चित राम् ॥३७॥
अगस्त्यानुग्रहवर्धित राम् ॥३८॥
गृध्राधिपसंसेवित राम् ॥३९॥
पञ्चवटीतटसुस्थित राम् ॥४०॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
शूर्पणखार्तिविधायक राम् ॥४१॥
खरदूषणमुखसूदक राम् ॥४२॥
सीताप्रियहरिणानुग राम् ॥४३॥
मारीचार्तिकृदाशुग राम् ॥४४॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
विनष्टसीतान्वेषक राम् ॥४५॥
गृध्राधिपगतिदायक राम् ॥४६॥
शबरीदत्तफलाशन राम् ॥४७॥
कबन्धबाहुच्छेदक राम् ॥४८॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
॥ किष्किन्धाकाण्डम् ॥

हनुमत्सेवितनिजपद राम् ॥४९॥
नतसुग्रीवाभीष्टद राम् ॥५०॥
गर्वितवालिसंहारक राम् ॥५१॥
वानरदूतप्रेषक राम् ॥५२॥
हितकरलक्ष्मणसंयुत राम् ॥५३॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
॥ सुन्दरकाण्डम् ॥

कपिवरसन्ततसंस्मृत राम् ॥५४॥
सीताप्राणाधारक राम् ॥५६॥

दुष्टदशाननदूषित राम् ॥५७॥
शिष्टहनूमद्‍भूषित राम् ॥५८॥
सीतावेदितकाकावन राम् ॥५९॥
कृतचूडामणिदर्शन राम् ॥६०॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
कपिवरवचनाश्वासित राम् ॥६१॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
॥ युध्दकाण्डम् ॥

रावणनिधनप्रस्थित राम् ॥६२॥
वानरसैन्यसमावृत राम् ॥६३॥
शोषितसरिदीशार्थित राम् ॥६४॥
विभीषणाभयदायक राम् ॥६५॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
पर्वतसेतुनिबन्धक राम् ॥६६॥
कुम्भकर्णशिरच्छेदक राम् ॥६७॥
राक्षससङ्घविमर्दक राम् ॥६८॥
अहिमहिरावणचारण राम् ॥६९॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
संहृतदशमुखरावण राम् ॥७०॥
विधिभवमुखसुरसंस्तुत राम् ॥७१॥
खस्थितदशरथवीक्षित राम् ॥७२॥
सीतादर्शनमोदित राम् ॥७३॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
अभिषिक्तविभीषणनत राम् ॥७४॥
पुष्पकयानारोहण राम् ॥७५॥
भरद्वाजादिनिषेवण राम् ॥७६॥
भरतप्राणप्रियकर राम् ॥७७॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
साकेतपुरीभूषण राम् ॥७८॥
सकलस्वीयसमानत राम् ॥७९॥
रत्नलसत्पीठास्थित राम् ॥८०॥
पट्टाभिषेकालंकृत राम् ॥८१॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
पार्थिवकुलसम्मानित राम् ॥८२॥
विभीषणार्पितरङ्गक राम् ॥८३॥
कीशकुलानुग्रहकर राम् ॥८४॥
सकलजीवसंरक्षक राम् ॥८५॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
समस्तलोकाधारक राम् ॥८६॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
॥ उत्तरकाण्डम् ॥

आगतमुनिगणसंस्तुत राम् ॥८७॥
विश्रुतदशकण्ठोद्भव राम् ॥८८॥
सीतालिङ्गननिर्वृत राम् ॥८९॥
नीतिसुरक्षितजनपद राम् ॥९०॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
विपिनत्याजितजनकज राम् ॥९१॥
कारितलवणासुरवध राम् ॥९२॥
स्वर्गतशम्बुकसंस्तुत राम् ॥९३॥
स्वतनयकुशलवनन्दित राम् ॥९४॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
अश्वमेधक्रतुदीक्षित राम् ॥९५॥
कालावेदितसुरपद राम् ॥९६॥
आयोध्यकजनमुक्तिद राम् ॥९७॥
विधिमुखविबुधानन्दक राम् ॥९८॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
तेजोमयनिजरूपक राम् ॥९९॥
संसृतिबन्धविमोचक राम् ॥१००॥
धर्मस्थापनतत्पर राम् ॥१०१॥
भक्तिपरायणमुक्तिद राम् ॥१०२॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
सर्वचराचरपालक राम् ॥१०३॥
सर्वभवामयवारक राम् ॥१०४॥
वैकुण्ठालयसंस्थित राम् ॥१०५॥
नित्यानन्दपदस्थित राम् ॥१०६॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।
राम् राम् जय जय राजा राम् ॥१०७॥
राम् राम् जय जय सीता राम् ॥१०८॥

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।

राम् राम् जय राजा राम् ।
राम् राम् जय सीता राम् ।

॥ श्रीरामचंद्रार्पणमस्तु ॥
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