कबीरदासजी के पास एक जिज्ञासु आया और पूछने लगा- महात्माजी मुझे गृहस्थ बनना चाहिए या संन्यासी? कृपया मुझे राह दिखाएं.
कबीरदास बोले- जो भी बनो आदर्श बनो. जिज्ञासु के पल्ले बात पड़ी नहीं. दोपहर का समय था. कबीर ने पत्नी को बुलाकर कहा-दीपक जलाकर दो उसके प्रकाश में ....(1)
कबीरदास बोले- जो भी बनो आदर्श बनो. जिज्ञासु के पल्ले बात पड़ी नहीं. दोपहर का समय था. कबीर ने पत्नी को बुलाकर कहा-दीपक जलाकर दो उसके प्रकाश में ....(1)
मुझे कपड़े बुनने हैं.
पत्नी ने बिना तर्क किए दोपहर में दीपक जलाए और रखकर चली गईं. कबीर बोले-गृहस्थ बनना तो आपस में ऐसा विश्वास बनाना कि दूसरे की इच्छा ही अपनी इच्छा हो.यह कर सकते हो तो गृहस्थ बनो.
कबीर जिज्ञासु को लेकर एक पहाड़ी पर गए वहां एक बुजुर्ग संत रहते थे......(2)
पत्नी ने बिना तर्क किए दोपहर में दीपक जलाए और रखकर चली गईं. कबीर बोले-गृहस्थ बनना तो आपस में ऐसा विश्वास बनाना कि दूसरे की इच्छा ही अपनी इच्छा हो.यह कर सकते हो तो गृहस्थ बनो.
कबीर जिज्ञासु को लेकर एक पहाड़ी पर गए वहां एक बुजुर्ग संत रहते थे......(2)
दोनों उन्हें प्रणामकर बैठ गए. कबीर ने पूछा-बाबा आपकी आयु कितनी है. बाबा ने कहा-80 साल.
इधर-उधर की चर्चा होने लगी तभी बीच में फिर से कबीर ने पूछा- बाबा आयु बताइए. उन्होंने फिर से कहा 80 साल. थोड़ी-थोड़ी देर में कबीर उनसे उम्र पूछते रहे और वह धैर्य के साथ उत्तर देते रहे......(3)
इधर-उधर की चर्चा होने लगी तभी बीच में फिर से कबीर ने पूछा- बाबा आयु बताइए. उन्होंने फिर से कहा 80 साल. थोड़ी-थोड़ी देर में कबीर उनसे उम्र पूछते रहे और वह धैर्य के साथ उत्तर देते रहे......(3)
कबीर जिज्ञासु को लेकर पहाड़ी से उतर आए. नीचे से आवाज लगाई, बाबा नीचे आ सकते हैं, कुछ पूछना रह गया था. बाबा पहाड़ी से नीचे उतरकर आए. कबीर ने कहा- आपकी आयु एक बार और पूछनी थी. बाबा ने कहा-80 साल और वापस चले गए.
जिज्ञासु तो आश्चर्य में था......(4)
जिज्ञासु तो आश्चर्य में था......(4)
वृद्ध को बेवजह पहाड़ी से उतारकर फिजूल का सवाल क्यों? कबीरदासजी बोले- जिज्ञासु भाई, यदि संत बनना हो तो इसी तरह क्षमाशील और धैर्यवान बनना.
जीवन में यह महत्वपूर्ण नहीं कि हम क्या-क्या बनना चाहते हैं. महत्वपूर्ण यह है कि हम उसके लिए क्या-क्या त्याग करना चाहते हैं.....(5)
जीवन में यह महत्वपूर्ण नहीं कि हम क्या-क्या बनना चाहते हैं. महत्वपूर्ण यह है कि हम उसके लिए क्या-क्या त्याग करना चाहते हैं.....(5)
सफल लोगों की सफलता की बातें करते कभी ये नहीं सोचते कि उस सफलता के बीच उन्होंने क्या-क्या त्याग किया होगा..... 



