अब और क्या कहें !
कब से तो बोले जा रहें हैं!
आम जनता को अभी कुछ पता नहीं चलेगा पर जब सब निजी लोगो के हाथों में चला जायेगा और उसके बाद जिन परेशानियों की शुरुआत होगी,तब यही सब बातें उन्हें याद आयेंगी ।
#StopPrivatization
@munshi1857 @idesibanda @Bankers_United @AnuragChandraa
कब से तो बोले जा रहें हैं!
आम जनता को अभी कुछ पता नहीं चलेगा पर जब सब निजी लोगो के हाथों में चला जायेगा और उसके बाद जिन परेशानियों की शुरुआत होगी,तब यही सब बातें उन्हें याद आयेंगी ।
#StopPrivatization
@munshi1857 @idesibanda @Bankers_United @AnuragChandraa
और तब बैंकिंग तो होगी लेकिन ना आज के जैसी सहज और ना ही भारत की नब्ज़ को समझने वाली।
तब बैंकिंग केवल मुट्ठी भर लोगों के लिए होगी।
व्यापारियों का, व्यापारियों के लिए, व्यापारियों द्वारा चलाए जाने वाला संस्थान !!
#StopPrivatization
@Batman_Banker @idesibanker
तब बैंकिंग केवल मुट्ठी भर लोगों के लिए होगी।
व्यापारियों का, व्यापारियों के लिए, व्यापारियों द्वारा चलाए जाने वाला संस्थान !!
#StopPrivatization
@Batman_Banker @idesibanker
भारत की बात करें तो निजीकरण की प्रक्रिया से एकाधिकार, उपेक्षा, शोषण और महंगाई को बढ़ावा ही मिला है। देश के वँचितों को इस नीजीकरण की प्रक्रिया से फायदे की जगह भारी नुकसान हो रहा है चाहे वह कृषि का क्षेत्र हो, स्वास्थ्य का क्षेत्र हो या शिक्षा का क्षेत्र हो।
एक जमाना था जब बैंक की नौकरी सबसे प्रतिष्ठित नौकरीयों में से एक थी। जब निजीकरण का जमाना आया और अन्तर्राष्ट्रीय बैंक भारत के दरवाजे पर दस्तक दे रहे थे उस समय कैसे इनको एन्ट्री दी जाय उस समय सरकार के सामने सबसे बड़ी बाधा बैंक की ट्रेड यूनियन्स थी।
कर्मचारियों को जबरदस्ती वीआरएस देकर छंटनी की गई। किस तरह से इन ट्रेड यूनियन्स को कमजोर किया गया। एक इतिहास है। आज प्राइवेट बैंक की भरमार है और गिने चुने सरकारी बैंक ही बचे हैं। उनकी क्या हालत है किसी से छिपी हुई नहीं है
प्रधानमंत्री जी ने आते ही कह दिया था -
"Government has no business being in business"
"Government has no business being in business"