जो लोग मोदी को कमजोर/ डरपोक बोल रहे है ,मोदी कमजोर/डरपोक नही इसी लिए चीनी आज उछल रहे है .. तुम्हारे पुराने pm डरपोक थे इसलिए आज तक चीन बॉर्डर पर बेसिक सुविधा तक नही है .. 1962 हम इसी कारण हारे अब और नही .. चीन के विरोध के बाद भी भारत सड़के ,इंफ्रा बना रहा
लद्दाख रीजन हो या अरुणाचल भारत ने युद्धस्तर पर बॉर्डर एरिया को सड़कों ,पुलों से जोड़ा है ... बर्मा भारत वियतनाम हाइवे प्रोजेक्ट चल रहा है , भारत चीन को डोकलाम हो या लद्दाख आंख में आंख दिखा कर चुनोती दे रहा है ... और जिसके नेतृत्व में हो रहा वो डरपोक तो नही होगा
कांग्रेस के upa ने नेपाल में मार्क्सवादियों को सत्ता की चाबी दी आज nda इनका रायता साफ कर रही ... श्रीलंका हो या मालदीव कांग्रेस रुल्ड upa में चीन अचानक से साउथ एशिया में घुस गया .... ये nda और मोदीजी के टाइम में वहां सत्ता परिवर्तन हुए तो डरपोक कौन है समझा जा सकता
शायद कांग्रेसी सेंट्रल से लेफ्ट की तरफ खिसक चुकी है , आज मार्क्सवादी लेफ्ट से ज्यादा लेफ्टिस्ट कांग्रेसी नज़र आते है ...बार बार चाहे अंतराष्ट्रीय मसले हो या आंतरिक चीन को भारत ने हर बार जबाब दिया है ... चीन के उकसावे के बाद भी रोड प्रोजेक्ट चालू है ,मतलब कौन डरपोक है मोदी या चीन?
कोरोना से लेकर हांगकांग तक ,उइगर से लेकर साउथ चाइना सी तक और डोकलाम से लद्दाख तक चीन हर तरफ से पिसा हुआ ही है..XI के सत्ता हथियाने के बाद लगातार चीन की छिछालेदर हुई है आंतरिक विरोध शांत करने के लिए अगर वो बॉर्डर पर आता है और मुंह की खाकर जाता है तो हम कैसे डरे हुए हो सकते है ?
दुनिया मे मार्क्सवाद ने हमेशा सत्ता हथियाने के लिए बाहरी लेफ्टिस्टों को कंधा बनाया है ... शायद कांग्रेस भी अब सत्ता की उम्मीद छोड़ चुकी है जो चीन में अपना गॉडफादर देख रही है .. 1962 हो या 1967 या 1975 संघ ने हमेशा देश के pm (कांग्रेसी) को सपोर्ट किया है ...
फिर कांग्रेस क्यों देश और pm को नही जोड़ पाती ... क्या ये अब सेंट्रल से इतने लेफ्ट की तरफ जा चुके है कि XI में अपना ग्वेरा देख रहे ? पर इंडिया में लोकतंत्र है और इंडिया से भिड़ने पर शायद इनका ग्वेरा जल्द खुद सत्ता गंवा दे.. 1967 में भी पेले गए थे 2020 में भी पेले जाएंगे
और कोई अंधभक्त मत बोलना 1967 में इंदिरा थी ... हम राहुल गांधी की तरह नही सोच सकते ना सोचेंगे...मोदीजी नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर अभी तक नही डरे है चाहे चीन के पैरोल वाले un के लोगो के सामने हो या pok में, तो भारत की जमीन तो शायद कम न हो पर कांग्रेस शायद इस बार 52 से 25 पर आ जाए