तो साल था 2004 ,भारत मे सत्ता परिवर्तन हुआ ही था एक बेहद सफल प्रयोग के साथ ,जी हा अटल जी ने गठबंधन की सरकार का कार्यकाल पूरा किया था,पूरे 5 साल की सरकार थी, इसके पहले कोशिशें तो बहुत हुई थी पर कोई सफल ना हुआ था,खैर वापिस हमारी प्यारी कांग्रेस आ गयी सत्ता में....
खैर सत्ता में तो जैसे तैसे आ गयी थी गठबंधन के सहारे,अब अगले 5 साल सरकार चलाने की चुनौती भी थी,पर इन सारी बातों के बीच मे ही एक नया सिलसिला शुरू होता है...लगातार बढ़ती आतंकी घटनाओं का ,हर साल के साथ ये घटनाये बढ़ती जाती है,ऐसा क्यों हो रहा था इसका जवाब कई बार हमारे सामने आया है
सत्ता परिवर्तन के साथ ही 2004 में
असम के एक स्कूल में आतंकी वारदात होती है,फिर 2005 के साल में अयोध्या ,जौनपुर ,बनारस और कर्नाटक में ब्लास्ट होते है,2006 में मुम्बई की लोकल ट्रेन में ब्लास्ट होते है ,मालेगांव की मस्जिद में भी धमाके होते है, जी वही मालेगांव... याद तो सबको होगा ही
असम के एक स्कूल में आतंकी वारदात होती है,फिर 2005 के साल में अयोध्या ,जौनपुर ,बनारस और कर्नाटक में ब्लास्ट होते है,2006 में मुम्बई की लोकल ट्रेन में ब्लास्ट होते है ,मालेगांव की मस्जिद में भी धमाके होते है, जी वही मालेगांव... याद तो सबको होगा ही
फिर 2007 में हैदराबाद की मक्का मस्जिद,समझौता एक्सप्रेस और अजमेर दरगाह में "भी" ब्लास्ट होते है,पर एक बार देखिएगा की कितना नुकसान हुआ था इन मे और बाकी में....फिर आता है साल 2008,ये काफी महत्वपूर्ण साल था ,इस साल रामपुर, जयपुर,अहमदाबाद, दिल्ली ,फिर से दिल्ली ,फिर महाराष्ट्र
फिर अगरतला,फिर इम्फाल ,और आसाम... उसके बाद मुम्बई अटैक होता है ,बस यही से सारी कहानी पकड़ में आती है हिन्दू आतंकवाद को स्थापित करने की..धन्य है अमर वीर काम्बले जी जिन्होंने कसाब को ज़िंदा पकड़ लिया था
पर आपने कभी सोचा की आखिर सरकार को हिन्दू आतंकवाद को स्थापित करने की आवश्यकता क्यों पड़ी ? कभी सोच कर देखिएगा क्या ये एक काउंटर नैरेटिव नही है ? एक तरफ ओसामा और मुल्ला उमर जैसे दुर्दांत आतंकवादी विश्व मे आतंक फैला रहे थे,और दूसरी तरफ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी भारत मे
बहुत ज्यादा दूर मत जाइए ,अभी ताजा मामला देख लीजिए,कपिल मिश्रा जी का ,दिल्ली दंगे सुनियोजित थे,प्रायोजित थे पर इतने समय से मात्र एक व्यक्ति को ही दोषी बनाया जा रहा था विपक्ष,मीडिया और कमुंनिष्टो द्वारा ....क्या अब भी आपको कुछ समझ नही आता ? अगर नही तो आप अंधे है
जमात की लापरवाही से कोरोना फैला ,पर एक साधारण मुज़लिम से बात कीजिये,वो साफ आपके मुह पर कह देगा कि ये सब झूठ है,आप अपने ही किसी ऐसे मुज़लिम मित्र से पूछिये जिसे आप बचपन से जानते ही,की दिल्ली दंगे ताहिर और उसके साथियों ने करवाये,यकीन मानिए आप लाख सबूत दे दे पर वो नही मानेगा
बस इसीलिए ही इस काउंटर नैरेटिव को बनाने की जरूरत पड़ी,गोडसे मात्र गांधी का हत्यारा था कुछ साल पहले तक,पर अब वो पहला हिन्दू आतंकवादी है,क्यों कैसे और कब ये हो गया ? आज मामूली सी आपराधिक घटना भी हिन्दू आतंकवाद बना दी जाती है ,पर कैसे और क्यों ? एक बार सोच कर तो देखिएगा
https://abs.twimg.com/emoji/v2/... draggable="false" alt="😊" title="Lächelndes Gesicht mit lächelnden Augen" aria-label="Emoji: Lächelndes Gesicht mit lächelnden Augen">
मैं और आप एक साधारण धार्मिक हिन्दू है जो अपना धर्म भी व्यक्तिगत रखते है,पर वो तो हर साल सड़क घेरते ही जा रहे ,संविधान नियम कानून सिर्फ हमारे लिए है ना,क्योंकि हम सो कॉल्ड बहुसंख्यक है
https://abs.twimg.com/emoji/v2/... draggable="false" alt="😊" title="Lächelndes Gesicht mit lächelnden Augen" aria-label="Emoji: Lächelndes Gesicht mit lächelnden Augen"> पर अब बात बात में हिन्दू आतंकवाद सुनना ... सहिष्णुता के परे जा रहा,आप कुछ मत कीजिये पर एकता..