दिल्ली दंगे के पीछे दो बड़े कारणः एंटी सीएए प्रोटेस्ट को 120 करोड़ की फंडिंग और बाहर से आए समुदाय विशेष के 7000 लोग। जिनकी उम्र 15 से 35 साल की रही। कॉल फार जस्टिस संस्था की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने गृहमंत्री अमित शाह कौ सौंपी रिपोर्ट
कॉल फार जस्टिस नामक ट्रस्ट की ओर से गठित फैक्ट फाइंडिंग टीम ने शुक्रवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2019 में वर्षों से अनसुलझे तीन तलाक, आर्टिकल 370 और राम जन्मभूमि जैसे मुद्दों का हल निकलना कई कट्टरपंथी ताकतों को रास नहीं आया। जिसके बाद हिंसा का खेल हुआ
फैक्ट फाइंडिंग टीम ने दिल्ली दंगे के पीछे पिंजरा तोड़, जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी, पीएफआई आदि संगठनों का हाथ बताया है। कहा है कि इन कट्टरपंथी संगठनों ने साजिश के तहत दिल्ली को दंगों को आग में झोंका। आप और कांग्रेस नेताओं के सीएए पर फैलाए झूठ ने आग में घी का काम किया।
फैक्ट फाइंडिंग टीम के मुताबिक,ईडी की छानबीन में पता चला कि एंटी सीएए प्रोटेस्ट की फंडिंग पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(पीएफआई) ने की। एंटी सीएए प्रोटेस्ट के लिए PFI के 73 बैंक खातों में 120 करोड़ रु. जमा होने से गहरी साजिश के संकेत मिलते हैं।
फैक्ट फाइंटिंग टीम में मुंबई हाईकोर्ट के पूर्व जज अंबादास जोशी, पूर्व IPS विवेक दुबे, रिटायर्ड IAS एमएल मीना, एम्स के पूर्व डायरेक्टर टीडी डोगरा, सामाजिक कार्यकर्ता नीरा मिश्रा, वकील नीरज अरोरा मौजूद रहे। संस्था के ट्रस्टी चंद्रा वाधवा ने कहा- गृहमंत्री को रिपोर्ट दे दी गई है।
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