क्या कभी आपने सोचा है कि इन Social Media Apps में ऐसा क्या है,जिनके हम addict होते जा रहे है ? मैंने भी कई बार सोचा,प्रयास किया जानने का,क्योंकि अक्सर देखा गया है कि लोग नशे के addict हो जाते है,पर ये तो Social Media Apps है बस,फिर इनमे ऐसा क्या है ? चलिए जवाब ढूंढते है
दरअसल ये जितने भी Apps और Games है,ये Human Psychology की कमजोरियों पर आधारित है ,जिससे कि ये उन कमजोरियों का फायदा उठा कर आपको यहाँ बांध सके,फेसबुक पर Dopamine Exploitation सिस्टम का use किया गया इसकी programming के समय,ये एक Brain hacking Method की तरह है
अब आपको लग रहा होगा कि कैसे कोई Social Media App के जरिये आपको Addict बना सकता है ? तो इसका जवाब है Dopamine ,जी हां ये एक Chemical है,जो Neurons के जरिये Brain में Release होता है,और जब ये Dopamine release होता है तो आपको एक खुशी,संतुष्टि ,शांति या जीतने का एहसास होता है
ये तब भी release होता है जब आप नशा करते है,असल मे ये जो आप सारे भाव महसूस करते है वो Dopamine के कारण ही है जो Neurons छोड़ते है,फिर आपका ही ब्रेन आपको Motivate करता है बार बार वो नशा करने के लिए,जिससे कि आप फिर से वो एहसास ले सके,एक बार,दो बार,तीन बार,फिर बार बार बस
धीरे धीरे आप Addict हो जाते है,तो इससे आप समझ ही गए होंगे की इस Dopamine की क्या अहमियत है ,चलिए अब इसको सोशल मीडिया से जोड़ कर देखा जाए और समझा जाये कि ये यहां कैसे काम करता है और कैसे समय समय पर आपको इस Dopamine की डोज मिलती रहे जिससे कि आप Addict हो जाये
सन 1980 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में एक Neuro Scientist Wolfram Schulz ने एक शोध किया था कि वो कौन सी Psychological Conditions है जिसके जरिये दिमाग मे मौजूद Neurons को ट्रिगर किया जा सके और Dopamine रिलीज होने लगे,इस शोध में ये पाया गया कि जब हम इंसान कोई काम ,या कोई चुनौती
प्रतियोगिता या कोई बाधा से पार पाते है तो ये Neurons अपने आप ही Dopamine रिलीज करना शुरू कर देते है ,हमारे दिमाग पर तब ठीक वैसा ही असर होता है जैसा नशा करने के बाद होता है ,बस इसी तरह से ये Social Media Apps हमे Likes, Comments,Views ,retweet के जाल में उलझा कर रखती है
जब जब आपकी पोस्ट पर लाइक, कमेंट, रिट्वीट या शेयर होते है तो आपको वैसी ही फीलिंग आती है,और इसी के चलते हम बार बार अपनी जेब से अपना फोन निकाल कर सोशल मीडिया चेक करते रहते है,क्योंकि उन्हें देख कर आपको इक Reward मिलने जैसी feeling आती है और आपके दिमाग मे Dopamine रिलीज होता रहता है
फिर जब वो Post पुरानी हो जाती है,और उसपर likes,comments, retweet आना बंद हो जाते है तो आप फिर से एक नया पोस्ट डालते हो,फिर इसी तरह से आप पोस्ट करते जाते हो और आपको likes और retweets मिलते जाते है,धीरे धीरे आप कब Addict हो जाते हो आपको पता ही नही चलता है
और आप इस Dopamine Driven Feedback loop में फसते जाते हो ,फिर एक समय ऐसा आता है जब आप इसमें गहरे फसते जाते हो,फिर आपको likes, comments, retweet के लिए कुछ भी करना पड़े आप करने लग जाते हो,Tiktok सबसे बढ़िया उदाहरण है जहां लड़के लड़की बनने को तैयार है,पर किसलिये
खैर ये सारी Apps गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध होती है,और आज ही आपने एक खबर देखी होगी कि कैसे गूगल ने लाखों रेटिंग्स को डिलीट करके Tiktok को वापिस उसकी रेटिंग्स दे दी,गूगल अपने सारे यूज़र्स का डाटा रखता है ,आगे आप समझ सकते है वो डेटा कैसे यूज़ किया जा सकता गई या कर रहा होगा
एक समय था जब ये Apps आपको यहां बांधे रखने पर काम कर रही थी,पर अब ये इस पर काम कर रही कि कैसे आपकी नींद कम करके इन Apps का इस्तेमाल और बढ़ाया जाए,कैसे आपको पूरी तरह से पढ़ा जा सके और कैसे आपसे मिले हुए डाटा का दुरुपयोग किया जा सके
पर अब तो Android Phones है हम सबके पास,जो कि artificial intelligence का जीता जागता सबूत है हमारे हाथों में,कभी आपने सोचा है कि वो suggestions कैसे आते है फ़ोन में जो आप चाहते है,या सुबह आप किसी से मिले और वो शाम को People You Know में दिखने लगता है
देखिये लिखूंगा तो और नाम ले कर सब कुछ बताऊंगा तो ये थ्रेड बहुत लंबा चला जायेगा, काम भर का बता दिया,बाकी आपकी अपने विवेक पर है,अब तक ये खेलते आये है,अब आप कैसे खेल सकते है इनसे 🙏
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