आज सुबह से एक वीडियो कई बार टाइमलाइन पर आया ,जिसमे किसी रेलवे स्टेशन पर एक अबोध बालक अपनी मृत माँ के आंचल को बार बार खींच रहा,जाहिर है कि बालक अबोध है ,उसे जीवन मृत्यु क्या पता,हाँ वो दृश्य मार्मिक है,हृदय को कष्ट देने वाला है,संवेदनाये तो पशुओं में भी होती है,पर....+
हा उस वीडियो के बार बार मेरी या किसी की भी टाइम लाइन पर दिखने का तात्पर्य क्या है ?
बालक अबोध है,माँ अब जीवित नही,तो दायित्व क्या हुआ समाज का ?
क्या इस सोशल मीडिया के युग के पहले ऐसी घटनाएं नही होती थी ?
या हम ये बहाना दे दे कि होती पर तब सोशल मीडिया नही था +
तो इसीलिए जनता जान नही पाती थी ..
पर क्या आपने लोगो को अपनो की मृत्यु के समय ऐसे रोते बिलखते विलाप करते पहले कभी नही देखा है ?
लोग अभी बताएंगे कि वो उसकी सहायता करना चाहते थे इसीलिए वो ऐसा कर रहे थे
पर क्या ये वास्तव में सत्य है 😂😂
अरे जाओ झूठो ... सहायता करनी होती तो...+
ये पता करते कि वीडियो कहा का है,अगर आप वहां के नही है तो वही आस पास के लोगो को खोज कर उनसे संपर्क करते,पर आपने मात्र गिद्ध नीति अपनाई
जो कि आजकल राजनीति में कई वर्षों से चल रही है 😊 लाशों का व्यापार बस
आप को उसकी सहायता नही करनी थी,
आपको दिखावा करना था अपनी संवेदनाओं का
क्योंकि इस सोशल मीडिया ने सबको गिद्ध बना दिया है
लाइक्स,फॉलोवर्स और रिट्वीट की चाहत के लिए आप कब स्वयं गिद्ध बन गए आपको पता ही नही चला ☺️ और हा आपने इस महामारी के समय किसी की मदद करके अगर यहाँ फोटो डाली है
तो आप गिद्ध है 🙂
प्रेरणा देने का कार्य आस पास से शुरू होता है यहां नही
@Shrimaan भैया आज कुछ लिखा है सिर्फ गाली खाने के लिए 😂😂
You can follow @ApoliticalHindu.
Tip: mention @twtextapp on a Twitter thread with the keyword “unroll” to get a link to it.

Latest Threads Unrolled: