#Kripacharya role in #Mahabharat war
In the Dhritrashtra court everyone knew his role. I will be highligting his role in the war in the coming tweets
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1. महाभारत युद्ध में उनका प्रमुख काम अपने सेनानायक की सुरक्षा का था। उन्होंने कई अवसरों पर अपने सेनानायक जैसे भीष्म , द्रोणाचार्य एवं कर्ण जैसे सेनानायकों की महत्वपूर्ण सहायता (जैसे यदि उनका नायक युद्ध मे थक रहा हो तो विपक्षी को व्यस्त रखना एवं विपक्षी को नुकसान पहुंचाना ) की थी।
2. महाभारत युद्ध के प्रथम दिन उन्होंने केकय नरेश वृहत्क्षत्र के साथ युद्ध किया। और उस दिन उन्होंने भीष्म के सहायक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।
3. महाभारत युद्ध में उन्होंने एक अवसर पर महारथी चेकितान के साथ युद्ध किया एवं उन्हें बहुत समय तक अपने साथ युद्ध मे उलझाए रखा जिससे उनके सेनानायकों को तैयार रहने का उपयुक्त समय मिल सका।
4. अतिरथी वीर सात्यकि के पराक्रम को भला कौन नही जानता है जिन्होंने कर्ण , द्रोण महामना भीष्म तक को भी परास्त किया था । महागुरु कृपाचार्य ने सात्यकि जैसे महान वीर के वेग को भी बहुत समय तक रोके रखा जो युद्ध के लिए बहुत मूल्यवान बात थी।
5. युद्ध के नवें और दसवें दिन जब भीम अत्यंत उग्र रूप से युद्ध कर रहे थे तो भी महागुरु कृपाचार्य ने उनका सामना किया जिससे महाबाहु भीष्म की रक्षा हो पाई।
6. उन्होंने महामना सहदेव से भी सीधे युद्ध किया। उनका उपरोक्त पराक्रम महज दसवें दिन तक का है । बाकी 8 दिनों एवं उलूकपर्व में उनके योगदान पर बाद में चर्चा की जाएगी।