देश की सड़कों पर त्राहीमाम की स्थिति है। महानगरों से मजदूर भूखे प्यासे, पैदल अपने छोटे छोटे बच्चों और परिवार को लेकर चले जा रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे व्यवस्था ने इनको त्याग दिया हो। मई की धूप में सड़कों पर चल रहे लाखों मजदूरों का ताँता लगा हुआ है। रोज ऐक्सिडेंट हो रहे हैं।..1/4
..रोज ये गरीब हिंदुस्तानी मारे जा रहे जा रहे हैं। इनके लिए सरकार बसें क्यों नहीं चलवा रही? यूपी रोडवेज की बीस हज़ार बसे खड़ी हैं। कृपया इन्हें सड़कों पर उतार दीजिए। इन्हीं के श्रम से हमारे ये महानगर बने हैं, इन्हीं के श्रम से देश आगे बढ़ा है। 2/4
..भगवान के लिए इन्हें सड़कों पर ऐसे बेसहारा न छोड़िये।
उप्र की सभी जिला शहर इकाईयों से मेरा आग्रह है कि इन जरूरतमंद लोगों की मदद कार्य और तेज कर दीजिए। पूरी ताकत लगा दीजिए। ये सेवा का वक्त है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता इन हिंदुस्तानी भाइयों के साथ खड़ा है।3/4
उप्र की सभी जिला शहर इकाईयों से मेरा आग्रह है कि इन जरूरतमंद लोगों की मदद कार्य और तेज कर दीजिए। पूरी ताकत लगा दीजिए। ये सेवा का वक्त है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता इन हिंदुस्तानी भाइयों के साथ खड़ा है।3/4
..अंत में पुलिस के भाइयों से एक विनती-
मैं समझती हूँ आप पर काम का दबाव है। आप भी परेशान हो। मगर आपसे मेरी एक विनती है इन बेसहारा लोगों बल प्रयोग मत करिए। इनसे वैसे ही विप्पति टूटी हुई है। इनकी गरिमा की रक्षा कीजिए। 4/4
मैं समझती हूँ आप पर काम का दबाव है। आप भी परेशान हो। मगर आपसे मेरी एक विनती है इन बेसहारा लोगों बल प्रयोग मत करिए। इनसे वैसे ही विप्पति टूटी हुई है। इनकी गरिमा की रक्षा कीजिए। 4/4