1. प्रकृति एवं पर्यावरण से खिलवाड़ हमने किया एवं उनका विनाश किया, उस सबका परिणाम है कि अब हम संक्रामक रोगों का सामना करने में असमर्थ हैं।
2. नदियों में उदाहरण के तौर पर मैं गंगा की बात करूंगी। गंगा हमने लगभग खत्म कर दी, सीवर की गंदगी, उद्योगों की गंदगी, हर तरह के गंदे नालों की गंदगी हमने पूरी बेशर्मी से लगभग 90 साल गंगा में छोड़ी।
3. फिर उससे भी बुरी बात यह थी कि हमने गंगा और उसकी सहायक नदियों के ऊपर पावर प्रोजेक्ट की अनुमति देकर लगभग गंगा की हत्या ही कर दी।
4. क्योंकि निर्मलता और अविरलता का एक दूसरे से संबंध होता है इस बात को समझाने में तथा गंगा की अविरलता को बचाने में जो मेरा अपने ही गुमराह हो गए लोगों के साथ जो छद्म युद्ध हुआ है उससे मुझे जो पीड़ा हुई है वह अगले जन्म तक मुझे याद रहेगी।
5. गंगा की मंत्री के रूप में काम करते हुए मैंने निर्मलता को आधुनिकतम प्रणाली के ईटीपी एवं एसटीपी प्रोजेक्ट का शिलान्यास कर दिया था जिनके परिणाम पिछले साल से क्रमशः दिखने लगे हैं।
6. पेड़ लगाना, घाट बनाना तथा गंगा को निरंतर बचाए रखने के लिए कानून बनाना यह भी लगभग प्रारंभ हो गया था।
7. गंगा के लिए मेरे प्रयास का सबसे गंभीर मुद्दा अविरलता हो गया था जिस पर कि बहुत सारे स्टेकहोल्डर थे तथा पावर कंपनियों का एक बहुत बड़ा शिकंजा था जिससे सभी लोगों की सोच गंगा की अविरलता पर एक जैसी हो जाए यह कठिन काम हो गया था उसी समय मेरा विभाग बदला था।
8. मुझे विभाग बदलने का कोई मलाल नहीं था क्योंकि स्वयं प्रधानमंत्री @narendramodi जी गंगा के लिए चिंतित थे तथा गंगा की समस्या को संपूर्णता से समझते थे।
9. मुझे स्वच्छता मंत्रालय मिला उसमें भी गंगा मौजूद थीं मुझे प्रधानमंत्री जी ने गंगा से अलग किया ही नहीं तथा @nitin_gadkari जी भी मुझसे गंगा के विषय में बात करते रहे।
10. मैं आपको केदारनाथ जी की 2013 की हादसे की याद दिलाऊंगी जिसमें देश विदेश के हजारों लोग मरे थे एवं भारी आर्थिक नुकसान हुआ था वहां सब कुछ नष्ट हो गया था सिर्फ मंदिर बचा था उस दुख को कोई नहीं भूल सकता।
11. मैं पहली बार 1998 में HRD की राज्यमंत्री थी तब केदारनाथ जी गई थी, गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल ही गई थी व पैदल ही आई थी तभी से मैंने केदारनाथ से लेकर लगभग ऋषिकेश तक जो बस्तियां और होटल बन रहे थे, उन सब के बारे में सरकार एवं बाद मे उत्तराखंड की सरकार को आगाह करना शुरू किया था।
12. फिर 2011 से जब मैं गंगा के अभियान से पूरी जुड़ गई फिर तो हिमालय, हिमालय की सभी नदियां, वहां के पेड़ पौधे अपने जीवन की रक्षा की गुहार सारी दुनिया से लगा रहे हों ऐसा लगता था।
13. फिर 2013 की आपदा हुई, धन हानि की पूर्ति तो हो जाएगी किंतु जनहानि की पूर्ति नहीं हो पाएगी और वह आपदा हमें यह सबक सिखा गई।
14. आस्था एवं विकास का मेल बनाके चलो क्योंकि भारत में आस्था एवं विज्ञान तथा प्रकृति एवं परमात्मा अलग नहीं है एक दूसरे में घुले मिले हैं।
15. कोरोना भी हमें सिखा रहा है पूरी दुनिया में लाखों लोगों की जान गई, करोड़ों लोग संकट में हैं पूरी दुनिया की रफ्तार रुकी हुई है हम सबकी सांसें थमी हुई हैं हम सब दहशत में हैं न जाने कब किसको क्या हो जाए।
16. अभी पूरा विश्व तथा पूरी दुनिया की सरकारें लोगों को कोरोना से बचाने में जुटी हुई हैं। पूरी दुनिया की सरकारें एवं वैश्विक बिरादरी मिलकर कोरोना से संघर्ष कर रहे हैं, हम जरूर विजय प्राप्त कर लेंगे।
17. मैं भगवान केदारनाथ जी को बहुत मानती हूं वह मेरे पिता हैं, हिमालय मेरे पिता का घर है यदि अनुमति मिल गई तब मैं वहां जाना चाहती हूं।
18. कार से ही जाना होगा सिर्फ एक दिन के लिए उनके चरणों में पहुंचकर पूरी दुनिया के लिए सभी प्राणियों के जीवन के लिए, मोदी जी के लिए, अपने देश के लिए तथा गर्म सड़कों पर चल रहे लोगों के लिए सबकी खुशहाली के लिए मैं केदारनाथ जी से प्रार्थना करती हूं, गंगा जी से प्रार्थना करती हूं।
19. अवसर मिला तो हिमालय में बाबा केदारनाथ के सामने खड़े होकर ही प्रार्थना करके आऊंगी।