एक मधुमक्खी पालक/ बीकीपर होने के कारण से मुझे शहद प्रेमी लोगों के अनेक प्रश्नों का उत्तर देना होता है.
शहद के बारे में बात करते समय मैं उनको बताता हूं कि मेरे पास किस किस प्रकार का शहद उपलब्ध है।
Lichi Honey
Multi Flora Honey
Eucalyptus Honey
Ajwain Honey
Jamun Honey
शहद के बारे में बात करते समय मैं उनको बताता हूं कि मेरे पास किस किस प्रकार का शहद उपलब्ध है।
Lichi Honey
Multi Flora Honey
Eucalyptus Honey
Ajwain Honey
Jamun Honey
मेरे यह बताने पर ज्यादातर लोगों को आश्चर्य होता है कि क्या शहद का ऐसा कोई वर्गीकरण भी हो सकता है?? ( क्योंकि बाजार में उपलब्ध बड़े बड़े ब्रांड कभी भी यह नहीं बताते कि उनका शहद किस फ्लोरा से उत्पन्न है)
उनका अगला प्रश्न यह होता है कि इस प्रकार के अलग-अलग शहद में क्या अंतर है?
उनका अगला प्रश्न यह होता है कि इस प्रकार के अलग-अलग शहद में क्या अंतर है?
आइए पहले हम यह जानते हैं कि मधुमक्खियों द्वारा शहद का निर्माण किया कैसे जाता है।
मधुमक्खियां फूलों पर बैठकर उनका नेक्टर एकत्र करती हैं और फिर उसे छत्ते में लाकर उड़ेल देती हैं जहां समूह की अन्य मधुमक्खियां साथ मिलकर ऐसी क्रिया करती हैं कि वह आगे चलकर शहद में बदल जाता है।
मधुमक्खियां फूलों पर बैठकर उनका नेक्टर एकत्र करती हैं और फिर उसे छत्ते में लाकर उड़ेल देती हैं जहां समूह की अन्य मधुमक्खियां साथ मिलकर ऐसी क्रिया करती हैं कि वह आगे चलकर शहद में बदल जाता है।
मधुमक्खी शहद का निर्माण अपने संकट काल में भोजन के लिए करती है किंतु उनका स्वभाव होता है कि वे आवश्यकता से अधिक शहद का निर्माण कर लेती हैं। और उनका यही स्वभाव मनुष्य के लिए वरदान सिद्ध हुआ कि उसे मधुमक्खी के छत्ते से स्वयं के खाने लायक भी अमृततुल्य शहद की प्राप्ति हो जाती है।
अब आते हैं शहद के अलग-अलग प्रकार पर।
मधुमक्खियां भिन्न भिन्न प्रकार के फूल और पौधों पर बैठकर उनका नेक्टर प्राप्त करती हैं तो जब उससे शहद बनता है तो वह भी उस स्रोत वाले फल फूल का गुणधर्म स्वाभाविक रूप से प्राप्त कर लेता है तथा ऐसे उत्पन्न शहद का रंग, गंध, स्वाद भी अलग होता है।
मधुमक्खियां भिन्न भिन्न प्रकार के फूल और पौधों पर बैठकर उनका नेक्टर प्राप्त करती हैं तो जब उससे शहद बनता है तो वह भी उस स्रोत वाले फल फूल का गुणधर्म स्वाभाविक रूप से प्राप्त कर लेता है तथा ऐसे उत्पन्न शहद का रंग, गंध, स्वाद भी अलग होता है।
उदाहरणार्थ यदि आप लीची के फूलों से प्राप्त नेक्टर से निर्मित शहद का अनुभव करेंगे तो आपको एक अलग प्रकार के मिठास एवं गंध का अनुभव होगा जो आपको लीची की याद दिलाएगी। इसी प्रकार से अजवाइन के फूलों से उत्पन्न शहद का उपयोग भी अलग समस्याओं के निवारण के लिए खास तौर से किया जा सकता है।
यूकेलिप्टस एक ऐसा पेड़, जिसका कुछ भी हम खा नहीं सकते, जब मधुमक्खी उससे शहद निर्मित करती है तो वह शहद हमारे लिए सर्वथा अनुकूल होता है।
जामुन का गुण तो हम सभी जानते हैं पर आप कल्पना करें कि ऐसे फूलों से प्राप्त रस से शहद का निर्माण होगा तो वह किस प्रकार का गुणधर्म लिए हुए होगा।
जामुन का गुण तो हम सभी जानते हैं पर आप कल्पना करें कि ऐसे फूलों से प्राप्त रस से शहद का निर्माण होगा तो वह किस प्रकार का गुणधर्म लिए हुए होगा।
जब मधुमक्खियों के बक्सों को किसी घने जंगल में रखा जाता है तो वह अनेक प्रकार के फूल पौधों पर बैठकर उनका रस चूस कर शहद का निर्माण करती है जिसे हम मल्टीफ्लोरा शहद कहते हैं। वस्तुतः यह शहद अनेक गुणों से परिपूर्ण होता है।
इस प्रकार से 20 तरह के ज्यादा श्रेणियों का शहद हम मधुमक्खी पालको को मिल जाता है लेकिन इसके लिए हमें वर्ष भर अपने मधुमक्खी के बक्सों को माइग्रेट करना पड़ता है।