घृष्णेश्वर / घुमेश्वर ज्योतिर्लिंग बारहवां ज्योतिर्लिंग है और महादेव की इस ज्योति्लिंग में प्रकट होने की कथा अद्भुत है ,और महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के दौलताबाद में स्थापित ,इस मंदिर के निर्माण देवी अहिल्यबाई होलकर ने करवाया था
कथा है कि सुधर्मा नामक एक बहुत ही तपोनिष्ट ब्राह्मण की दो पत्नियां थीं ,सुदेहा और घुस्मा , घुश्मा भगवान शिव की बहुत बड़ी भक्त थी ,और भगवान शिव के कृपा से घुश्मा को जब पुत्र हुआ तो सूदेहा को इस बात से बहुत जलन होने लगा क्योंकि ज्योतिष गणना के अनुसार सुदे हा को मात्र सुख नहीं था
इसी जलन के कारण सुदेहा ने अपनी छोटी बहन घूस्मा के पुत्र का वध कर दिया और उसको सरोवर में फेक दिया ,उसी सरोवर में घुश्मा भगवान शिव के रोज़ पार्थिव शिवलिंग को बना कर पूजा करके विसर्जित कर देती थी,जब घुश्मा को अपने पुत्र के बारे में पता चला तो उसका मन जरा भी विचलित नहीं हुआ
और तब तक पुत्र के पार्थिव शरीर के पास नहीं गई जब तक भगवान का पूजा समाप्त नहीं कर लिया
जब पूजा समाप्त हुआ और घुस्मा ने देखा कि उसका पुत्र जीवित सरोवर के किनारे खड़ा है,और उसकी बहन ने वध किया जानते हुए भी घुश्मा नाराज नहीं हुई अपनी बहन पर
जब पूजा समाप्त हुआ और घुस्मा ने देखा कि उसका पुत्र जीवित सरोवर के किनारे खड़ा है,और उसकी बहन ने वध किया जानते हुए भी घुश्मा नाराज नहीं हुई अपनी बहन पर
भगवान शिव उसकी भक्ति से इतना प्रसन्न हुए की
प्रकट होकर दर्शन दिए और बोले वरदान मांग लो इच्छानुसार ,घुस्मा ने भगवान से कहा कि उसकी बहन के पापो को क्षमा करे और भक्तो के कल्याण के लिए इसी स्थान पर निवास करे ,भगवान ने उसकी इच्छा स्वीकार कर वहीं घुस्मेश्वर ज्योतिर्लिंग में प्रकट हुए
प्रकट होकर दर्शन दिए और बोले वरदान मांग लो इच्छानुसार ,घुस्मा ने भगवान से कहा कि उसकी बहन के पापो को क्षमा करे और भक्तो के कल्याण के लिए इसी स्थान पर निवास करे ,भगवान ने उसकी इच्छा स्वीकार कर वहीं घुस्मेश्वर ज्योतिर्लिंग में प्रकट हुए
ओम नमः शिवाय 
अन्य 11 ज्योतिर्लिंग की कथा पढ़ने के लिए थ्रेड पढ़े https://twitter.com/rightwingchora/status/1252269365694656512?s=19

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