कवि कौन है?
ईश्वर का सबसे ज़िद्दी और नटखट बच्चा
जो संसार मे झांकते झांकते संसार मे गिर गया
और संसार से ईश्वर को झांकते झांकते मोह में गिर गया
फिर मोह से अवसाद में
और अवसाद से अध्यात्म में लोटपोट कर
घर जाने की ज़िद कर रहा है...
ईश्वर का सबसे ज़िद्दी और नटखट बच्चा
जो संसार मे झांकते झांकते संसार मे गिर गया
और संसार से ईश्वर को झांकते झांकते मोह में गिर गया
फिर मोह से अवसाद में
और अवसाद से अध्यात्म में लोटपोट कर
घर जाने की ज़िद कर रहा है...
कहानीकार कौन है?
ईश्वर से उनकी कहानियां सुनते हुए खो जाने वो बच्चा जो भटकते हुए संसार मे आगया
और प्रेम के गिरोह में धरा गया
यहां पर उसने कहानियां गढ़ी
और दुनिया को सुनाते हुए
अपनी कहानियां
अश्रुपूर्ण नेत्रों से ईश्वर की ओर जाने का मार्ग ढूंढता है...
ईश्वर से उनकी कहानियां सुनते हुए खो जाने वो बच्चा जो भटकते हुए संसार मे आगया
और प्रेम के गिरोह में धरा गया
यहां पर उसने कहानियां गढ़ी
और दुनिया को सुनाते हुए
अपनी कहानियां
अश्रुपूर्ण नेत्रों से ईश्वर की ओर जाने का मार्ग ढूंढता है...
संगीतप्रेमी कौन है?
ईश्वर की मधुर धुन को सुनते हुए
सुध-बुध खो बैठा अबोध बालक
जो निर्मम संसार मे
अपना दिल हार बैठा
और अपने साथी को
गीत सुनता - सुनाता हुआ
उसे याद आता है
अचानक एक दिन के
ईश्वर आज भी उसकी प्रतीक्षा में है...
ईश्वर की मधुर धुन को सुनते हुए
सुध-बुध खो बैठा अबोध बालक
जो निर्मम संसार मे
अपना दिल हार बैठा
और अपने साथी को
गीत सुनता - सुनाता हुआ
उसे याद आता है
अचानक एक दिन के
ईश्वर आज भी उसकी प्रतीक्षा में है...
नृत्यज्ञ कौन है?
ईश्वर की धुन में मग्न होकर
नाचता हुआ वो बालक जिसके पांव थिरकते हुए पृथ्वी पर आ पहुंचे
और दुनिया उसे
अपनी ही धुन पर नचाने लगी
यूँही इक रोज़
इस जहां से बचकर
रूमी के साथ सफेदवस्त्र धारण किये
सेमा नृत्य प्रस्तुत करते हुए अपने
ख़ुदा को पुकारता है...
ईश्वर की धुन में मग्न होकर
नाचता हुआ वो बालक जिसके पांव थिरकते हुए पृथ्वी पर आ पहुंचे
और दुनिया उसे
अपनी ही धुन पर नचाने लगी
यूँही इक रोज़
इस जहां से बचकर
रूमी के साथ सफेदवस्त्र धारण किये
सेमा नृत्य प्रस्तुत करते हुए अपने
ख़ुदा को पुकारता है...
चित्रकार कौन है?
ईश्वर का वो बच्चा जो ईश्वर द्वारा ही बनाये गए चित्रकारी से जीवित हो उठा
इस धरा पर उसने
निर्जीव प्रतीत होती वस्तुओं को
अपने कैनवास पर सजीव करता हुआ
रंगों से लीप पुत कर
ईश्वर की तरफ रंगों के छींटे मारता है
इस प्रक्रिया में आसमान कभी नीला तो
कभी गुलाबी हो उठता है
ईश्वर का वो बच्चा जो ईश्वर द्वारा ही बनाये गए चित्रकारी से जीवित हो उठा
इस धरा पर उसने
निर्जीव प्रतीत होती वस्तुओं को
अपने कैनवास पर सजीव करता हुआ
रंगों से लीप पुत कर
ईश्वर की तरफ रंगों के छींटे मारता है
इस प्रक्रिया में आसमान कभी नीला तो
कभी गुलाबी हो उठता है
रसोइया कौन है?
ईश्वर के प्रसाद को पोटली में बांध कर पैदल घूमता हुआ वो बच्चा जो
जो रास्ता भटक गया
पोटली गुम जाने पर
भूख से व्याकुल
धरती माँ से अन्न मांगकर
अब वो तरह तरह के पकवान पकाया करता है
सिर्फ़ इस आस में के एक दिन उसे
वो प्रसाद वाला स्वाद आये और
याद आजाये भुला हुआ रस्ता..
ईश्वर के प्रसाद को पोटली में बांध कर पैदल घूमता हुआ वो बच्चा जो
जो रास्ता भटक गया
पोटली गुम जाने पर
भूख से व्याकुल
धरती माँ से अन्न मांगकर
अब वो तरह तरह के पकवान पकाया करता है
सिर्फ़ इस आस में के एक दिन उसे
वो प्रसाद वाला स्वाद आये और
याद आजाये भुला हुआ रस्ता..
और हाँ
सबसे अंत मे
प्रेमी कौन है?
ईश्वर का सबसे प्रिय शिशु
जिसका हाथ ईश्वर ने जानबूझ कर छोड़ दिया
और उस प्रेमी ने इतनी बड़ी दुनिया मे ढूंढ लिया अपना साथी
हॄदय के अंतस तक उसे समाहित कर लिया
और फिर अचानक एक दिन
प्रिय के छोड़ के चले जाने पर
आहत होकर
सबसे अंत मे
प्रेमी कौन है?
ईश्वर का सबसे प्रिय शिशु
जिसका हाथ ईश्वर ने जानबूझ कर छोड़ दिया
और उस प्रेमी ने इतनी बड़ी दुनिया मे ढूंढ लिया अपना साथी
हॄदय के अंतस तक उसे समाहित कर लिया
और फिर अचानक एक दिन
प्रिय के छोड़ के चले जाने पर
आहत होकर
कभी लिखता है कोई कविता
तो कभी सुनाता है कोई किस्सा
कभी बंसी बजा पुकारता है अपने साथी को
तो कभी घुंघरू बांध नाचते हुए रो पड़ता
कभी प्रकृत के तमाम रंगों को मुट्ठी में भींच लेता
तो कभी पकवान बना कर थाली में परोस अपने प्रिय का इंतेज़ार करता
इन सभी खेलों में
ईश्वर उसे देख कर हंसता है
तो कभी सुनाता है कोई किस्सा
कभी बंसी बजा पुकारता है अपने साथी को
तो कभी घुंघरू बांध नाचते हुए रो पड़ता
कभी प्रकृत के तमाम रंगों को मुट्ठी में भींच लेता
तो कभी पकवान बना कर थाली में परोस अपने प्रिय का इंतेज़ार करता
इन सभी खेलों में
ईश्वर उसे देख कर हंसता है