तंजौर.

तमिलनाडु के तंजौर जिले में स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर बृहदेश्वर को ग्यारहवीं सदी के आरम्भ में बनाया गया था।यह मंदिर चोल शासकों की महान कला केंद्र रहा है।बृहदेश्वर मंदिर वास्तुकला, पाषाण व ताम्र में शिल्पांकन, चित्रांकन, नृत्य, संगीत,आभूषण एवं उत्कीर्णकला का बेजोड़ नमूना है।
कोणार्क...

उड़ीसा के कोणार्क का सूर्य मंदिर। भारत के 7 आश्चर्यों में शामिल यह मंदिर भव्य रथके आकार में बना हुआ है। इसका निर्माण गंगा साम्राज्य के महाराजा नरसिंहदेव ने 1250ce में करवाया था।मंदिर की दीवारें, पिल्लर और पहिये किमती धातुओं से बने हुए हैं। UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साईट।
एलोरा गुफा...

महाराष्ट्र में औरंगाबाद ज़िलेके एलोरा गांवके पास स्थित! यहाँ 34 भव्य मंदिर है जो चट्टानों के कटाव की एक श्रंख्ला के रूप में है! 1983 में यूनेस्को द्वारा घोषित एक विश्व धरोहर स्थल है!
8वीं शताब्दीमें मंदिर का निर्माण हुआ था, जब कृष्ण प्रथम के शासनकाल की शुरुआत थी|
महाबलीपुरम...

शोर मंदिर को दक्षिण भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है जिसका संबंध ८वीं शताब्दीसे है।
यह मंदिर द्रविड वास्तुकलाका बेहतरीन नमूना है।
यह पाँच मंज़िला मंदिर है, इसका पिरामिड संरचना 60 फुट ऊंची और एक 50 फुट वर्ग में फैला हुआ है! यूनेस्को विश्व विरासत!
खजुराहो...

मध्य प्रदेश स्थित, हिन्दू और जैन धर्म के मंदिरों का सबसे बड़ा समूह, खजुराहो में स्मारकों का समूह, दुनिया के सबसे खूबसूरत सबसे प्रसिद्द और ऐतिहासिक विरासतों में से एक है। ये मुख्य तौर पर अपनी वास्तु विशेषज्ञता, बारीक नक्काशियों और कामुक मूर्तियों के लिए जाना जाता है।
मोढेरा सूर्य मंदिर...

गुजरात के मेहसाना जिले के मोढेरा नामक गाँव में पुष्पावती नदी के किनारे प्रतीष्ठित है। सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम द्वारा सन् १०२६-१०२७ ई. में निर्मित यह सूर्य मन्दिर भारतवर्ष में विलक्षण स्थापत्य एवम् अद्वितीय वास्तुशिल्प कला का बेजोड़ उदाहरण है।

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इस मंदिर के ३ मुख्य भाग हैं– गर्भ गृह एवं गूढ़ मंडप लिए मुख्य मंदिर, सभामंड़प एवं सूर्य कुंड या बावड़ी।गर्भगृह/गूढ़ मंडा एक मंडप से सुसज्जित मुख्य मंदिर है।अन्य दो भाग हैं, प्रथक सभामंड़प व एक बावड़ी। जब मंदिर का प्रतिबिम्ब इस बावड़ी के जल पर पड़ता है तब वह दृश्य सम्मोहित करता है
बाडोली के मंदिरों का समूह...

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में रावतभाटा मे स्थित है।यहाँ स्थित समूह में ९ मन्दिर हैं, जिनका काल 8वीं -11वीं शताब्दी तक का है। नवीं तथा दसवीं शताब्दी में यह स्थल शैव पूजा का एक प्रमुख केंद्र था, जिनमें शिव तथा शैव परिवार के अन्य देवताओं के मंदिर थे।
हम्पी..

कर्नाटक के विजयनगर स्थित विजय विट्ठल मंदिर🛕 जिसके खम्भों से संगीत के 7 सुर निकलते हैं। इसे 15 वीं शताब्दी में देवराय द्वितीय के काल में बनाया गया था।यह भारतीय वास्तुकला का एक अदभुत नमूना है!

इसको वास्तुकला की द्रविड़ शैली में बनाया गया है! 56 पिलर्स से निकलता है संगीत!
Rani Ki Vav....

Patan, Gujarat. Built-in the 3rd millennium BC. An explicit example of beautiful Ancient Indian architecture. Constructed during -Solanki dynasty, it’s well known for its Stepped Corridors, Sculptures and Stone Carvings in the Well. A UNESCO World Heritage site.
जटोली शिव मंदिर ...

हिमाचल के सोलन में जटोली शिव मंदिर स्थित है। यह एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है। दक्षिण-द्रविड़ शैली में बने इस मंदिर को बनने में करीब 39 साल का समय लगा!
मंदिर का गुंबद 111 फीट ऊंचा है जिसके कारण ये एशिया का सबसे ऊंचा मंदिर है।

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माना जाता है कि पौराणिक समय में भगवान शिव ने यहां एक रात के लिए विश्राम किया था। बाद में एक सिद्ध बाबा स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने यहां आकर तपस्या की। उनके मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश पर ही जटोली शिव मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। मंदिर के कोने में स्वामी कृष्णानंद की गुफा भी है।

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त्र्यंम्बकेश्वर मंदिर ...

किसने कहा कि ताजमहल ही भारत में देखने के लिए एकमात्र स्थान है; त्र्यंम्बकेश्वर धाम मंदिर, ओना-कोन, धमतरी, छत्तीसगढ़ स्थित इस अद्भुत प्राचीन स्थापत्य मंदिर को देखिए! भारत 🇮🇳 की पहचान, इतिहास इन प्राचीन कलात्मक रचनाओं में मिलेगा!
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