#कोरोना_का_रोना
दृश्य १ - प्रवक्ता
महामारी जब दक्षिण प्रांत मे फैलने लगी, राज्य सरकार को पत्रकारों को अधिकारिक जानकारी देने के निर्देश मिले। एक बड़े अफ़सर की नियुक्ति सरकार का पक्ष रखने के लिए की गई।
निर्देश दिए गये कि सटीक जानकारी ही देनी है, एक भी शब्द गलत या भ्रामक न हो।
दृश्य १ - प्रवक्ता
महामारी जब दक्षिण प्रांत मे फैलने लगी, राज्य सरकार को पत्रकारों को अधिकारिक जानकारी देने के निर्देश मिले। एक बड़े अफ़सर की नियुक्ति सरकार का पक्ष रखने के लिए की गई।
निर्देश दिए गये कि सटीक जानकारी ही देनी है, एक भी शब्द गलत या भ्रामक न हो।
सीधा, साफ़ बोलो जिससे किसी के मन में कोई संदेह न रहे। प्रवक्ता ने कहा - जी हुजूर।
पहले दिन प्रवक्ता-मीडिया से संवाद हुआ, मीडिया ने पूछा राज्य मे अभी क्या स्थिति है, साफ़ साफ़ बताइए?
उत्तर मिला - बीमारी चीनी है, राज्य मे अभी कोई बीमार नही है। हम सावधान हैं।
पहले दिन प्रवक्ता-मीडिया से संवाद हुआ, मीडिया ने पूछा राज्य मे अभी क्या स्थिति है, साफ़ साफ़ बताइए?
उत्तर मिला - बीमारी चीनी है, राज्य मे अभी कोई बीमार नही है। हम सावधान हैं।
लेकिन कुछ लोग दिल्ली के निजामुद्दीन से तबलीगी जमात के मरकज़ से आए हैं।
पहले दिन कोई बड़ी बात नहीं थी। मीडिया चली गई। दूसरे दिन फिर संवाद हुआ, मीडिया ने वही प्रश्न पूछा, उत्तर मिला -
बीमारी चीनी है। हम ज़्यादा सावधान हैं।
पहले दिन कोई बड़ी बात नहीं थी। मीडिया चली गई। दूसरे दिन फिर संवाद हुआ, मीडिया ने वही प्रश्न पूछा, उत्तर मिला -
बीमारी चीनी है। हम ज़्यादा सावधान हैं।
दिल्ली के निजामुद्दीन से तबलीगी जमात के मरकज़ से आए हुए लोगों में संदिग्ध दो चार हैं। ख़तरा कुछ नही है।
तीसरे दिन प्रवक्ता ने कहा - बीमारी चीनी है, बीमार दुनिया है। हमारे यहाँ बीमार दो-चार हैं; दिल्ली के निज़ामुद्दीन से तबलीगी ज़मात की मरकज़ से आए हैं। थोड़ा सा ख़तरा है।
तीसरे दिन प्रवक्ता ने कहा - बीमारी चीनी है, बीमार दुनिया है। हमारे यहाँ बीमार दो-चार हैं; दिल्ली के निज़ामुद्दीन से तबलीगी ज़मात की मरकज़ से आए हैं। थोड़ा सा ख़तरा है।
सरकार के सावधान होने से काम नहीं चलेगा, अब लोग ही सावधान रहें।
मीडिया के लिबरल भड़क उठे, ये धर्म बीच में ला रहे हो, मरकज़ को बदनाम कर रहे हैं। राज्य सरकार थोड़ी हिली, प्रवक्ता को कहा धर्म का नाम मत लो, लोग बुरा मान रहे हैं।
प्रवक्ता ने पूछा धर्म कैसे पता चला?
मीडिया के लिबरल भड़क उठे, ये धर्म बीच में ला रहे हो, मरकज़ को बदनाम कर रहे हैं। राज्य सरकार थोड़ी हिली, प्रवक्ता को कहा धर्म का नाम मत लो, लोग बुरा मान रहे हैं।
प्रवक्ता ने पूछा धर्म कैसे पता चला?
सरकार-तुमने मरकज़ का नाम लिया इससे।
प्रवक्ता-फिर जानकारी छुपानी है? सरकार ने कहा नहीं बस मरकज़ नहीं बोलना है।
प्रवक्ता ने कहा - जी हुजूर।
चौथे दिन प्रवक्ता ने शब्द बदले- बीमारी चीनी है, हमारे यहाँ भी बीमार बहुत हैं और ज्यादातर दिल्ली के निज़ामुद्दीन से तबलीगी ज़मात के लोग हैं।
प्रवक्ता-फिर जानकारी छुपानी है? सरकार ने कहा नहीं बस मरकज़ नहीं बोलना है।
प्रवक्ता ने कहा - जी हुजूर।
चौथे दिन प्रवक्ता ने शब्द बदले- बीमारी चीनी है, हमारे यहाँ भी बीमार बहुत हैं और ज्यादातर दिल्ली के निज़ामुद्दीन से तबलीगी ज़मात के लोग हैं।
मीडिया ने फिर रोना शुरू किया सेक्युलरिज़्म ख़तरे मे है, तबलीगी जमात को बदनाम कर रहे हैं । सरकार ने फिर प्रवक्ता को बुलाया, समझाया देखो ज़मात का नाम नही लेना। प्रवक्ता ने कहा - जी हुजूर।
पाँचवे दिन प्रवक्ता ने कहा - हमारे राज्य मे चीनी बीमारी पचास लोगों को है
पाँचवे दिन प्रवक्ता ने कहा - हमारे राज्य मे चीनी बीमारी पचास लोगों को है
और सभी दिल्ली के निज़ामुद्दीन से एक आयोजन से लौटकर आए हैं।
मीडिया ने फिर कहा सेक्युलरिज़्म भारी ख़तरे मे है निजामुद्दीन को बदनाम कर रहे हैं। सरकार ने फिर प्रवक्ता को समझाया ग़लत बोल रहे हो, निज़ामुद्दीन का नाम मत लो।
प्रवक्ता ने कहा - जी हुजूर। सटीक जानकारी ही देनी है।
मीडिया ने फिर कहा सेक्युलरिज़्म भारी ख़तरे मे है निजामुद्दीन को बदनाम कर रहे हैं। सरकार ने फिर प्रवक्ता को समझाया ग़लत बोल रहे हो, निज़ामुद्दीन का नाम मत लो।
प्रवक्ता ने कहा - जी हुजूर। सटीक जानकारी ही देनी है।
अगले दिन प्रवक्ता मीडिया से बोला - चीनी बीमारी से बीमार तो बहुत हैं, और सब के सब दिल्ली वाले आयोजन से आए हैं।
मीडिया ने फिर रोना गाना शुरू किया दिल्ली का नाम लेकर सेक्युलरिज़्म पर हमला हो रहा है। सरकार ने प्रवक्ता को फिर बुलाया, समझाया दिल्ली मत बोलो।
प्रवक्ता ने कहा-जी हुजूर।
मीडिया ने फिर रोना गाना शुरू किया दिल्ली का नाम लेकर सेक्युलरिज़्म पर हमला हो रहा है। सरकार ने प्रवक्ता को फिर बुलाया, समझाया दिल्ली मत बोलो।
प्रवक्ता ने कहा-जी हुजूर।
प्रवक्ता अगले दिन बोला-
चीनी बीमारी से बीमार बढ़ गए हैं, और सब के सब एक ही समारोह से आए हुए हैं।
मीडिया फिर रोई समारोह का नाम लेकर बदनाम कर रहे हैं। सरकार फिर चकराई, प्रवक्ता हो बुलाया और कहा समारोह मत बोलो। सेकूलरिज़्म पर चोट लगती है।
प्रवक्ता ने कहा जी हुजूर।
चीनी बीमारी से बीमार बढ़ गए हैं, और सब के सब एक ही समारोह से आए हुए हैं।
मीडिया फिर रोई समारोह का नाम लेकर बदनाम कर रहे हैं। सरकार फिर चकराई, प्रवक्ता हो बुलाया और कहा समारोह मत बोलो। सेकूलरिज़्म पर चोट लगती है।
प्रवक्ता ने कहा जी हुजूर।
अगले दिन मीडिया से कहा -
चीनी बीमारी से देशी लोग बीमार बढ़ गए हैं, और ज़्यादातर एक ही जगह से बीमार होकर आए हैं।
कुछ फरार हैं हम ढूँढ रहे हैं।
मीडिया ने कहा देखो, इशारों इशारों में सरकार बदनाम कर रही है। फिर सरकार ने प्रवक्ता को बुलाया, समझाया, कुछ अलग सा बोलो
चीनी बीमारी से देशी लोग बीमार बढ़ गए हैं, और ज़्यादातर एक ही जगह से बीमार होकर आए हैं।
कुछ फरार हैं हम ढूँढ रहे हैं।
मीडिया ने कहा देखो, इशारों इशारों में सरकार बदनाम कर रही है। फिर सरकार ने प्रवक्ता को बुलाया, समझाया, कुछ अलग सा बोलो
जिससे किसी की भावनाओं को चोट न पहुँचे।
प्रवक्ता ने कहा जी हुज़ूर।
अगले दिन कहा - चीनी बीमारी से बहुत लोग बीमार हैं, स्रोत सबका एक है। उनमे से ज़्यादातर मिल गए हैं।
मीडीया ने पूछा कहाँ से, कौन से स्रोत?
प्रवक्ता ने कहा -स्रोत का नाम लेना माना है। द सोर्स हैज़ नो नेम।
प्रवक्ता ने कहा जी हुज़ूर।
अगले दिन कहा - चीनी बीमारी से बहुत लोग बीमार हैं, स्रोत सबका एक है। उनमे से ज़्यादातर मिल गए हैं।
मीडीया ने पूछा कहाँ से, कौन से स्रोत?
प्रवक्ता ने कहा -स्रोत का नाम लेना माना है। द सोर्स हैज़ नो नेम।
मीडिया ने कहा चीन का नाम बार बार लेते हो, चीन बुरा नहीं मान जायेगा ?
सरकार ने कहा मीडिया कब गलत होता है, प्रवक्ता को फिर बुलाया। प्रवक्ता ने कहा जी हुज़ूर।
अगले दिन प्रवक्ता ने कहा - एक बीमारी से बहुत लोग बीमार हैं, स्रोत का नाम ले नहीं सकते।
सरकार ने कहा मीडिया कब गलत होता है, प्रवक्ता को फिर बुलाया। प्रवक्ता ने कहा जी हुज़ूर।
अगले दिन प्रवक्ता ने कहा - एक बीमारी से बहुत लोग बीमार हैं, स्रोत का नाम ले नहीं सकते।
फिर रोना गाना हुआ सरकार ने फिर लताड़ा-तुमको हज़ार बार समझाया सटीक जानकारी ही देना है।
प्रवक्ता ने पूछा-सटीक जानकारी क्या होती है?
सरकार-जो हम कहें।
प्रवक्ता-तो आप ही बता दो क्या बोलूं ?
सरकार-बोलो एक बीमारी से बहुत लोग बीमार हैं।सरकार लगी हुई है और सरकार ने पूरी शक्ति लगा रखी है।
प्रवक्ता ने पूछा-सटीक जानकारी क्या होती है?
सरकार-जो हम कहें।
प्रवक्ता-तो आप ही बता दो क्या बोलूं ?
सरकार-बोलो एक बीमारी से बहुत लोग बीमार हैं।सरकार लगी हुई है और सरकार ने पूरी शक्ति लगा रखी है।
अगले दिन प्रवक्ता ने कहा - बहुत लोग बीमार हैं, सरकार की भी लगी हुई है, सरकार ने मेरी भी लगा रखी है।
सरकार ने कागजों मे डाल दिया, एक बीमारी थी, चीन से उसका कोई रिश्ता पता नहीं लेकिन हमारे राज्य मे अपने आप प्रकट हो गई।
दिल्ली कोई गया नही। निज़ामुद्दीन मे कोई मरकज़ हुआ नही।
सरकार ने कागजों मे डाल दिया, एक बीमारी थी, चीन से उसका कोई रिश्ता पता नहीं लेकिन हमारे राज्य मे अपने आप प्रकट हो गई।
दिल्ली कोई गया नही। निज़ामुद्दीन मे कोई मरकज़ हुआ नही।
तबलीगी ज़मात तो शांति के संदेश देने के लिए सफेद कबूतर पालती है और उड़ाती है, जिससे विश्व मे शांति बनी रहती है। इस शान्ति के लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं।