बात उस समय की है, जब जुलाई 2016 में मेरे पति कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर के हास्पिटल में भर्ती थे
हृदय रोग से संबंधित एक बड़ी सर्जरी होनी थी, डाक्टर ने कहां 8 युनिट खून की आवश्यकता होगी, आप इसका प्रबंध कर लीजिए, क्योंकि अस्पताल में उस समय मेरे पति के ग्रुप का ब्लड उपल्वध /1
हृदय रोग से संबंधित एक बड़ी सर्जरी होनी थी, डाक्टर ने कहां 8 युनिट खून की आवश्यकता होगी, आप इसका प्रबंध कर लीजिए, क्योंकि अस्पताल में उस समय मेरे पति के ग्रुप का ब्लड उपल्वध /1
नही था, हालाकि डाक्टर ने मुझे आश्वासन दिया के वो खुद भी पूरी कोशिश कर रहे है के अपने आप ही प्रबंध कर ले, फिर भी उन्होंने मुझे कुछ ब्लड बैंक का पता दिया के वहां से मिल सके तो ले आऔ ,क्यौकि मैं उत्तर प्रदेश से गई थी तो वहां की ज्यादा जानकारी नहीं थी। बस थोड़ा सा मन शांत /2
कर एक परिचित से मैने कहां यहा की RSS संस्था से किसी को जानते हो तो मुझे उनका फोन नंबर दिला दीजिए। बस थोड़ी ही देर में मुझे फोन नंबर मिल गया । मैंने उस नंबर पर काल किया, उन्हें अपनी समस्या बताई, के मुझे आठ युनिट ब्लड की आवश्यकता है।
उन सज्जन ने मुझे आश्वासन /3
उन सज्जन ने मुझे आश्वासन /3
दिया सुबह होते ही RSS के कुछ सदस्य आयेगे आप अस्पताल का पता बता दीजिए।
सुबह होते ही मुझे फोन आया के ब्लड देने आऐ है आप मिल लीजिए। मैं उनसे मिलने गई तो एक व्यक्ति ने अपना परिचय दिया और ब्लड डोनट की प्रक्रिया पूरी की और अपने साथियों कें साथ ब्लड देकर ब्लड बैंक से बाहर /4
सुबह होते ही मुझे फोन आया के ब्लड देने आऐ है आप मिल लीजिए। मैं उनसे मिलने गई तो एक व्यक्ति ने अपना परिचय दिया और ब्लड डोनट की प्रक्रिया पूरी की और अपने साथियों कें साथ ब्लड देकर ब्लड बैंक से बाहर /4
आये, मैं उनका बार ही इंतजार कर रही थी। उन सब का धन्यवाद कर सबका आभार ब्यक्त करते समय मेरी आँखें भर आई, मैने कहां एक बार मेरे पति से मिल लीजिए वो आपका आभार व्यक्त करना चाहते है। उन्होंने कहा हम जरूर मिलते पर आज नही मिलेगे ,क्योंकि जब किसी के लिए कुछ करने का संकल्प लिया /5
हो तो उसे करके तुंरत वहा से चले जाना ही उचित होता है सामने बाले को अहसास तक नही होना चाहिए ,के कौन दाता है और कौन लेने बाला है ,दान चाहे अन्न का हो, धन का हो या प्राणो का, जितना गुप्त रहे उतना अच्छा, हमने तो सिर्फ़ खून दिया। वो लोग किसी भगवान से कम नही थे मेरे लिए ,/6
, जाते वक्त मुझसे सिर्फ़ इतना कहा, जब तक यहां हो कोई भी जरुरत पड़े तो जरूर याद करना और वो चले गये। मुझे आज तक नही पता वो आठ लोग के नाम क्या थे ,ना उनका धर्म, ना जाति, ना उनका कुल , बस इतना पता है के उनके आने पर ही दान और धर्म का मतलब समझ आया। आज सोशल मीडिया के जमाने /7
में एक फोटो तक नही उन लोगों की मेरे पास।
आज जब भी किसी को दान में वस्तुओं को देते हुए वीडियो और पिक देखती हूं तो लगता है , व्यर्थ गई इनकी की हुई मेहनत। अपने शौर्य को ना देखते हुए सामने बाले की असमर्थता को देखे। कब कौन राजा हो जाए और कौन रंक
पल भर का खेल है ये। /8
आज जब भी किसी को दान में वस्तुओं को देते हुए वीडियो और पिक देखती हूं तो लगता है , व्यर्थ गई इनकी की हुई मेहनत। अपने शौर्य को ना देखते हुए सामने बाले की असमर्थता को देखे। कब कौन राजा हो जाए और कौन रंक
पल भर का खेल है ये। /8
मेरी हाथ जोड़ कर विनती है आप सब से, इस समय जब देश संकट में है तो गरीब लोगो की मदत जरूर कीजिए पर उनकी वीडियो, फोटो ना बनाए, ये वही लोग है जिनसे भारत की नींव शसक्त होती है ये मेरा अपना मत है# Renu Singh Dhaka.
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