Shabari didn't offer any such fruit which was already tasted by her.(Valmiki Ramayana)
वाल्मीकिरामायण के अनुसार, भगवान् राम को शबरी ने जूठे फल नहीं अर्पित किये थे, खाने की बात ही दूर है। कृपया राम द्वारा शबरी के जूठे फल खाये जाने की कपोलकल्पना का दुष्प्रचार रोकें।
देंगे। परन्तु सब हम ही करें ज्येष्ठप्रवर। स्वाध्याय का तो सबका दायित्व बनता है। तथापि आप कह रहे हैं तो बता देते हैं। वाल्मीकीयरामायण के अरण्यकाण्ड का ७४वां सर्ग देखिये।वहां अधोलिखित प्रकार से उक्त है-
एवमुक्ता महभागैस्तदाहं पुरुषर्षभ।
मया तु सञ्चितं वन्यं विविधं पुरुषर्षभ॥१७
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