A #Thread
So let me start some hard hitting questions to the indian society for women by a woman(me) on the occasion of #WomensDay
I would request people to take part in this and tag powerful people you can, so they also think to make some policies on the issues.
#WomensDay2020
1) आज के जमाने में जहाँ लड़कियाँ उच्च शिक्षा प्राप्त करती है,अपने परिवार और देश को आगे ले जा रही है,डॉक्टर,वैज्ञानिक,इंजीनियर,CA,शिक्षक, वकील,आर्किटेक्ट,उद्यमी क्या नही है वो?नौकरी करती है,दूसरों को नौकरी देती है फिर भी लड़के वाले दहेज मांगना अपना जन्मसिद्ध अधिकार क्यों समझते है?
2) क्यों अपनी बच्चियों को शुरू से घर के काम सिखातें है और बाहर घूमने फिरने की आजादी सिर्फ लड़कों को दी जाती है?
क्यों ना लड़कों को भी शुरू से वो सभी काम सिखाएं जाएं।बेटी को खाना बनाना,साफ सफाई, बर्तन मांजना सिखाये पर बेटे को भी साथ में वही सब काम सिखाएं। तब है बात।
#WomensDay
3) रात को लेट आने पर जितनी पाबन्दी लड़कियों के लिए,क्या उतनी लड़कों के लिए नही हो सकती है? हमारी बेटियाँ सुरक्षित क्यों नही है रात को, या दिन में भी,किसी सुनसान जगह?
क्यों उन्हें 1 अनजाने चेहरे जो कि सिर्फ पुरूष का होता है उसी से डर लगता है?
क्यों पुरुष भक्षक के बजाय 1 साथी न हो?
4) क्या स्त्रियाँ देश मे कहीं भी बिना पुरुष के डर के नही घूम सकती?क्यों घर में भी 1 जाना पहचाना चेहरा कितनी बार उसकी अस्मिता को तार तार कर देता है?
क्या घर की औरतें,पुरूष मिलकर ये जिम्मेदारी नही ले सकते कि अपने घर के लड़कों को शुरू से ये शिक्षा दें की औरत 1 संपत्ति नही?1इंसान है।
5)क्यों हम लड़के को शुरू से हर लड़की औरत का सम्मान करना,उसे अपने बराबर समझना नही सीखा सकते?
किसी लड़की की ना सुनने में कोई अपमान नही,लड़की की choice की respect करना क्यों नहीं सिखा सकते, लड़की चाहे कैसे भी कपडों में हो वो कोई चीज नही है वो 1 जिंदा इंसान है ये क्यों नही सीखा सकते?
6)बेटा बाहर की यूनिवर्सिटी में पढ़े और बेटी के लिए-उसकी तो शादी करनी है वो बाहर पढ़के क्या करेगी, करना तो घर का ही काम है और नौकरी भी करेगी तो भी क्या हमें तो इसके लिए दहेज इक्कठा करना है,शादी में लगाने है इसलिए ये उस बराबरी की अधिकारी नही जो बेटे को दे पा रहे हैं।
ऐसी सोच क्यों?
7)क्यों आज भी बेटों को जो संपत्ति मे अधिकार दिया जाता है,वो बेटियों को नही?क्यों ये सोचा जाता है कि उसकी शादी हो गयी इसलिए हमारी सम्पत्ति में उसका अधिकार नही?
क्यों आज भी लोग बेटी को पराया धन बोलना नही छोड़ रहे हैं?
क्यों बेटी के बड़े होते ही शादी में दहेज की चिंता सताने लगती है?
8)क्यों लड़कियों के कपड़े और सोच कुछ आदमियों को बलात्कार करने को उकसाते हैं जबकि इस देश मे 8 महीने की बच्ची को भी नही छोड़ा जाता उसने किसको उकसाया भला?
क्यों हम हर बात पे लड़कियों और औरतों को ही अपने दर्द को पी जाने की सलाह देते हैं?
क्यों औरत को ही बदनामी का डर दिखाया जाता है?
9)क्यों हम समाज में हर मोहल्ले,हर community में ये घोषणा नही कर सकते कि यदि कोई दहेज की मांग करता है तो उसका नाम सार्वजनिक कर दिया जाए,उनसे रिश्ता कोई भी न जोड़े,चाहे लड़का कितना ही योग्य क्यों न हो।अपनी बेटी देने से बड़ा क्या काम होगा जो दहेज भी चाहिए लड़के वालों को?
#WomensDay
10) बेटी बचाओ का नारा है,तो बेटी बचाने की जरूरत क्यों है भारत में? ये शब्द सुनने में ही कितना असंवेदनशील है। क्यों कुछ लोग बेटी को कोख में मार डालने की सोचते हैं, क्यों लड़कियों को उतनी शिक्षा नही दी जाती है जितनी लड़कों के लिए कर्ज लेके भी? क्या इसके पीछे सिर्फ दहेज की चिंता है?
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