मुघलो ने औऱ उनके बाद कुछ वामी नक्सली विचारधारा के लोगों ने हमेशा से ही हमारे सनातन धर्म को नुकसान पहुचाने की कोशिश तो की है हमारे देश इसके वैभव को भी खण्डित किया इसके बाद भी ये नही रुके फ़िर इन्होंने हमारे वेदों को नष्ट किया औऱ हमारे ग्रन्थों धार्मिक पुस्तकों से भी छेड़ छाड़ की
साथ ही हमारे देवी देवताओं के चरित्र पर भी दाग लगाने में कमी नही छोड़ी , और आज हमारी ये पीढ़ी इनके द्वारा बनाई गई उसी प्रदूषित को जान के उसी को मान रहा है जबकि सच्चाई कुछ और ही है । कृपया इसको पढें और अपने ईष्ट पर उठने वाले गन्दे सवालो का मुँह तोड़ जवाब दें

