UP COVID स्टेटस:
@TheLallantop की हमारी टीम अभी लखनऊ में है. यहां की स्थिति संक्षेप में जानिए. Covid टेस्टिंग से लेकर अस्पताल में भर्ती के लिए, हर कहीं लंबी कतार है. हेल्पलाइन नंबर से कोई मदद नहीं मिलती. अस्पताल में दाखिला पाने की ढेरों शर्तें हैं. जैसे, रेफरल कोड. CMO पर्ची.
@TheLallantop की हमारी टीम अभी लखनऊ में है. यहां की स्थिति संक्षेप में जानिए. Covid टेस्टिंग से लेकर अस्पताल में भर्ती के लिए, हर कहीं लंबी कतार है. हेल्पलाइन नंबर से कोई मदद नहीं मिलती. अस्पताल में दाखिला पाने की ढेरों शर्तें हैं. जैसे, रेफरल कोड. CMO पर्ची.
लोग भागदौड़ में हलकान हैं. बेड कम, मरीज़ कहीं ज़्यादा. लोग घर पर इलाज़ कर रहे. जो भर्ती हो पाए, उनकी चुनौती भी खत्म नहीं हुई. अस्पताल में भी ऑक्सीजन, वेंटिलेटर मिलने की गारंटी नहीं. कई जगह अस्पताल कह रहे, आपके मरीज़ को ऑक्सीजन चाहिए, आप अरेंज करिए.
ऑक्सीजन की बेहद किल्लत है. ब्लैक मार्केट में मनमाने रेट पर ऑक्सीजन बिक रहा. खाली सिलिंडर पहले 5 हज़ार का था, अब 30-40 हज़ार तक में मिल रहा. रीफिल का रेट 400 है, वो 3,000 तक जा रहा. पैसा देकर भी सामान मिलेगा, ये गारंटी नहीं. लोग घंटों तलाश में भटक रहे. रो रहे, गिड़गिड़ा रहे.
साधन, संसाधन की बेहद कमी है. ढेर सारे जरूरतमंदों में से ज़्यादा जरूरतमंद कौन, ये कैसे तय हो? कई लोग मिले, जिनका कोई अपना ऑक्सीजन की राह देख रहा. एक लड़की मां के लिए ऑक्सीजन रीफिल करवाने आई थी. जवाब मिला, नहीं है. हम लाचारी से उसकी लाचारी देखते रहे. वहां हर कोई लाचार ही था.
खाली सिलेंडर लिए एक लड़का बोला, पापा घर पर हैं, ऑक्सीजन सपोर्ट पर. छोटा सिलिंडर लगाकर आया हूं, वो ख़तम हो जाएगा. पापा बिना सांस कैसे रहेंगे?
इस भीषण सवाल का क्या जवाब है? कोई कहता है कि तंत्र मुस्तैद होकर काम कर रहा, तो झूठ कहता है. लखनऊ में ज़्यादातर जनता ऑन देअर ओन है.
इस भीषण सवाल का क्या जवाब है? कोई कहता है कि तंत्र मुस्तैद होकर काम कर रहा, तो झूठ कहता है. लखनऊ में ज़्यादातर जनता ऑन देअर ओन है.